सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2018 से जेल में बंद भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी वर्नोन गोंसाल्वेस और अरुण फरेरा को आख़िरकार जमानत दे दी है। उनपर भीमा कोरेगांव हिंसा के संबंध में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए। अदालत ने शुक्रवार को उनको जमानत देते हुए कहा, 'यह गोंसाल्वेस और फरेरा को जमानत देता है, क्योंकि उन्हें हिरासत में लिए हुए लगभग 5 साल बीत चुके हैं। जमानत के लिए मामला बनता है।'