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नाबालिग के बयान से पलटने से चिंतित साक्षी मलिक ने जानिए क्या कहा

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान ने अपना बयान क्यों बदला? क्या उसने पहले किसी दबाव में आरोप लगाया था या फिर अब कुछ और बात हो गई? बृजभूषण सिंह के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले पहलवानों में शामिल रहीं साक्षी मलिक ने नाबालिग द्वारा अपना बयान वापस लिए जाने पर चिंता जताई है। उन्होंने इस मामले में धमकी दिए जाने का संदेह जताया है।

साक्षी मलिक का यह बयान तब आया है जब पुलिस ने नाबालिग द्वारा बृजभूषण सिंह के खिलाफ दायर यौन उत्पीड़न के मामले को रद्द करने की सिफारिश की है। पुलिस ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि जांच में कोई सबूत नहीं मिला है। अब संभावना है कि दिल्ली पुलिस के इस रुख से बृजभूषण पर से पॉक्सो एक्ट की धाराएं खत्म हो जाएँ। लेकिन बाकी महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न और उनका पीछा करने के मामले में भाजपा सांसद को आरोपों का सामना करना पड़ेगा।

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भाजपा सांसद के खिलाफ दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। दूसरी एफआईआर नाबालिग पहलवान की शिकायत पर थी। इस मामले की अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी।  

यौन उत्पीड़न के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वालों में सबसे आगे रहीं साक्षी मलिक ने शिकायत से निपटने के पुलिस के तौर-तरीक़े पर सवाल उठाया। साक्षी मलिक ने एएनआई से कहा, 'पुलिस द्वारा कल सौंपी गई चार्जशीट में उनका (बृजभूषण) नाम है। नाबालिग के मामले में साफ है कि परिवार पर काफी दबाव है। सरकार द्वारा हमारी शेष मांगों को पूरा करने के बाद हम आगे की कार्रवाई के बारे में फ़ैसला करेंगे।'

साक्षी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'पॉक्सो मामले में अगर बृजभूषण को तब गिरफ्तार किया जाता जब नाबालिग का बयान (पहले) एक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किया गया था, तो नाबालिग शिकायत वापस नहीं ली होती। और इतना ही नहीं, अन्य लड़कियां भी आगे आतीं और शिकायत करतीं। मैंने सुना है कि दबाव था और धमकियां मिलीं। अदालत को यह तय करना होगा कि क्या करना है।'
कुछ दिन पहले ही नाबालिग ने अपना बयान बदला था। इस घटनाक्रम पर उठते सवालों के बीच नाबालिग के पिता की सफाई आई थी कि उसने पहले झूठा आरोप लगाया था।

नाबालिग के पिता ने उसके दोनों विपरीत बयानों के लिए खुद पर ही ज़िम्मेदारी ली है यानी उन दोनों ही बयानों के लिए उन्होंने किसी को दोष नहीं दिया।

नाबालिग शिकायतकर्ता के पिता ने हफ्ते भर पहले कहा था कि वह निर्दोष साबित हो रहे हैं तो यह बेहतर है कि कोर्ट की बजाय अभी सच सामने आ जाए। उन्होंने कहा था कि पहले की शिकायत जानबूझकर की गई थी और झूठी थी। नाबालिग के पिता ने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा था, 'चूँकि अब बातचीत शुरू हो गई है, सरकार ने पिछले साल मेरी बेटी की हार (एशियाई अंडर-17 चैंपियनशिप ट्रायल में) की निष्पक्ष जाँच का वादा किया है, इसलिए यह मेरा भी कर्तव्य है कि मैं अपनी गलती सुधारूं।' 

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उन्होंने कहा था कि उस मैच में हार को लेकर उनकी बेटी ग़ुस्से में थी और उसने यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी। एचटी ने रिपोर्ट दी है कि नाबालिग के पिता ने कहा कि एक मैच हारने का मतलब एक साल की पूरी मेहनत को खोना है। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने आरोप लगाया कि यह मैच के रेफरी की गलती थी और चूंकि रेफरी को डब्ल्यूएफआई द्वारा नियुक्त किया गया था, इसलिए उनका गुस्सा बृजभूषण पर था। रिपोर्ट के अनुसार, नाबालिग के पिता ने कहा कि वह विरोध करने वाले पहलवानों में शामिल हो गए क्योंकि उन्हें लगा कि उन्हें उनका समर्थन करना चाहिए और किसी ने उनसे संपर्क नहीं किया। उन्होंने यह भी कहा कि बृजभूषण ने उनकी बेटी का यौन उत्पीड़न नहीं किया। 

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क़मर वहीद नक़वी
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