पिछली किस्त में हमने पढ़ा कि आर्मी को जब आईबी से यह सूचना मिली कि उसका एक अधिकारी जो पँचमढ़ी में अरबी सीख रहा है, उसका नाम मालेगाँव धमाकों में आया है तो दिल्ली से एक अधिकारी कर्नल आर. के. श्रीवास्तव को, जो तब काउंटर इंटेलिजेंस विभाग में डायरेक्टर थे, पँचमढ़ी भेजा गया।
मालेगाँव पार्ट- 3 : पुरोहित ने प्रज्ञा को बताया था धमाकों का ज़िम्मेदार
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- 19 Apr, 2019

दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ चुनाव में उतरने की घोषणा के साथ ही साध्वी प्रज्ञा सिंह एक बार फिर ख़बरों में हैं। वे मालेगाँव धमाका मामले में मुख्य अभियुक्त हैं, अदालत ने उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने को कहा है। प्रज्ञा फ़िलहाल ज़मानत पर हैं। सत्य हिन्दी ने मालेगाँव कांड पर एक शृंखला शुरू की है। इसकी पहली और दूसरी कड़ी पहले प्रकाशित की जा चुकी है। अब पेश है इसकी तीसरी कड़ी।
कर्नल श्रीवास्तव अगले दिन की फ़्लाइट पकड़कर दिल्ली से भोपाल पहुँचे। भोपाल से पँचमढ़ी पहुँचते-पहुँचते उनको रात हो गई। पहुँचते ही उन्होंने आर्मी एजुकेशन कोर ट्रेनिंग कॉलेज ऐंड सेंटर (एईसी) के विभिन्न कोर्सों में भाग ले रहे इंटेलिजेंस विभाग के सभी अधिकारियों को बुलाया और सबसे एक-एक करके बात की ताकि किसी को भनक नहीं लगे कि वे किस काम के लिए आए हैं। कर्नल श्रीवास्तव ने पुरोहित को सबसे अंत में बुलाया। यह बातचीत ब्रिगेडियर संदीप कुमार के कार्यालय में हुई जो एईसी ट्रेनिंग स्कूल के कमांडेंट थे और वे ख़ुद भी सारी बातचीत के दौरान मौजूद थे।
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश