मुंबई पुलिस के पूर्व कमिशनर जूलियो रिबेरो ने शुक्रवार को कहा कि मालेगाँव धमाके की जाँच कर रहे एटीएस चीफ़ हेमंत करकरे से उनकी मुंबई हमले से एक दिन पहले मुलाक़ात हुई थी जिससे पता चलता था कि उनपर कोई ’अदृश्य’ दबाव था और इस कारण वे बेहद तनाव में थे। रिबेरो के अनुसार करकरे मालेगाँव मामले में राजनीतिक आरोपों के कारण परेशान थे लेकिन उनपर जो ‘अदृश्य’ दबाव पड़ रहा था और जिसके बारे में मीडिया में ज़्यादा चर्चा हुई है, वह राजनीतिक नहीं, सामाजिक था।
किसके ‘दबाव’ के कारण करकरे अपना पद छोड़ना चाहते थे?
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- 20 Apr, 2019

हेमंत करकरे मालेगाँव ब्लास्ट की जाँच कर रहे थे। वे उस समाज से थे जिसके एक सदस्य विष्णु रामकृष्ण करकरे का गाँधीजी की हत्या में नाम आया था। क्या समाज से किसी दबाव के कारण वे एटीएस में अपना पद छोड़ना चाहते थे?
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश