मालेगाँव बम कांड की मुख्य अभियुक्त प्रज्ञा सिंह ठाकुर को भोपाल से खड़ा करने का फ़ैसला किसका है? यदि बीजेपी का है, तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए क्योंकि किसी भी मुश्किल चुनाव में हिंदुत्व ही उसका अंतिम ब्रह्मास्त्र होता है और प्रज्ञा को दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ उतारकर वह यही करने की कोशिश कर रही है। लेकिन यदि यह फ़ैसला आरएसएस का है या उसकी इस फ़ैसले में सहमति है, जैसी कि मीडिया में ख़बरें आ रही हैं तो यह बहुत चौंकाने वाली बात है। चौंकाने वाली इसलिए कि ऐसा करके संघ उन लोगों को समर्थन दे रहा है जिन्होंने कभी उसके सरसंघचालक मोहन भागवत और बड़े नेता इंद्रेश कुमार की हत्या की साज़िश रची थी।