मालेगाँव धमाकों में हाथ होने के लिए गिरफ़्तार होने के बाद से ले. कर्नल पुरोहित यही कह रहे हैं कि वह सेना के जासूस के तौर पर काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मालेगाँव धमाकों में 'जिन लोगों का हाथ' था, उनके बारे में मैंने सेना के तीन लोगों को जानकारी दे दी थी। आइए, आज हम जानते हैं कि ले. कर्नल पुरोहित ने इस मामले में किससे क्या कहा था और कब।
मालेगाँव पार्ट-4: पुरोहित की चिट्ठी, धमाके में इंद्रेश का भी हाथ
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- 5 Jan, 2021

चुनाव में उतरने के बाद अपने विवादित बयानों से साध्वी प्रज्ञा सिंह एक बार फिर ख़बरों में हैं। वे मालेगाँव धमाका मामले में मुख्य अभियुक्त हैं, अदालत ने उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने को कहा है। प्रज्ञा फ़िलहाल ज़मानत पर हैं। सत्य हिन्दी ने मालेगाँव कांड पर एक शृंखला शुरू की है। इसकी पहली, दूसरी और तीसरी कड़ी पहले प्रकाशित की जा चुकी है। अब पेश है इसकी चौथी कड़ी।
ले. कर्नल पुरोहित ने अपने बचाव में दो बातों का ज़िक्र किया है। एक यह कि उन्होंने 13/14 अक्टूबर 2008 को कर्नल विनय पँचपोरे और मेजर प्रवीण खानज़ोडे को फ़ोन पर ‘उन लोगों के बारे में जानकारी दी थी जो इस तरह की कार्रवाइयों में शामिल हैं।’ कर्नल पँचपोरे सदर्न कमांड की लायज़न यूनिट के कमांडिंग ऑफ़िसर थे और प्रवीण खानज़ोडे उसी की देवलाली यूनिट में इंटेलिजेंस अधिकारी थे। इसके अलावा उन्होंने उस ख़त का भी हवाला दिया जो उन्होंने 15 अक्टूबर 2008 को इंटेलिजेंस अधिकारी मेजर भागीरथ दे को लिखा था।
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश