पिछले साल 16 जुलाई को आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) दिवस मनाते हुए भारत सरकार के स्किल डेवलपमेंट मंत्रालय ने बताया कि देश आने वाले दिनों में दुनिया का “एआई पावरहाउस” बनने जा रहा है. लेकिन केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के यूडीएसआईई (एकीकृत जिला सूचना सिस्टम) जिसे काफी विश्वसनीय माना जाता है, की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार देश में बच्चों के स्कूल दाखिले की संख्या मिडिल और सेकेंडरी स्तर पर घट गयी है. यही नहीं वर्ष 2020-21 के 15.09 लाख के मुकाबले स्कूलों की संख्या भी लगातार तीन वर्षों में कम हुई हालांकि वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-23 के 14.66 लाख से थोडा बढ़ कर 14.71 हो गयी.
बढ़ता ड्रॉपआउट फिर भी भारत होगा “एआई पावरहाउस”
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- 4 Jan, 2025

भारत में स्कूलों में बच्चों कम तादाद में पढ़ने पहुंच रहे हैं। शहरों में आलीशान स्कूल बिल्डिंगों और एसी स्कूल बसों में बैठे बच्चों को देखकर यह अंदाजा हर्गिज न लगाइएगा कि भारत शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। भारत में अमीर और गरीब की दो दुनिया बसती है। शिक्षा का हाल देखकर आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि किस दुनिया की बात की जा रही है। गरीबों के बच्चे स्कूलों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसके बावजूद स्वयंभू विश्वगुरु के चेले भारत को एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का पावरहाउस बनाने की बात कह रहे हैं, जबकि दम एक पिलर खड़ा करने का नहीं है। वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह का विश्लेषणः