भारत में स्कूलों में बच्चों कम तादाद में पढ़ने पहुंच रहे हैं। शहरों में आलीशान स्कूल बिल्डिंगों और एसी स्कूल बसों में बैठे बच्चों को देखकर यह अंदाजा हर्गिज न लगाइएगा कि भारत शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। भारत में अमीर और गरीब की दो दुनिया बसती है। शिक्षा का हाल देखकर आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि किस दुनिया की बात की जा रही है। गरीबों के बच्चे स्कूलों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। इसके बावजूद स्वयंभू विश्वगुरु के चेले भारत को एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का पावरहाउस बनाने की बात कह रहे हैं, जबकि दम एक पिलर खड़ा करने का नहीं है। वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह का विश्लेषणः