महाराष्ट्र में जल्द ही मराठी में मेडिकल की शिक्षा दी जाएगी। कहा जा रहा है कि स्थानीय भाषा में मेडिकल की पढ़ाई शुरू कर वैकल्पिक माध्यम देने की कोशिश की जा रही है।
एक मीडिया रिपोर्ट में वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि इस स्तर पर योजना वैकल्पिक संदर्भ पाठ्यपुस्तकों की पेशकश करने की है, जिसका उद्देश्य मराठी माध्यम की स्कूली पृष्ठभूमि के छात्रों के लिए एक सुचारु परिवर्तन करना है। चिकित्सा पाठ्यक्रमों में शिक्षा के माध्यम के रूप में मराठी का उपयोग किया जा सकता है या नहीं, इस पर निर्णय समय आने पर लिया जाएगा।
पूरे देश में आम तौर पर अंग्रेजी माध्यम में ही मेडिकल की पढ़ाई होती रही है। लेकिन हाल ही में मध्य प्रदेश में यह हिंदी माध्यम में पढ़ाए जाने का फ़ैसला लिया गया है। उत्तर प्रदेश ने भी ऐसी ही घोषणा की है।
भोपाल में 16 अक्टूबर को एमबीबीएस की हिंदी किताबों का विमोचन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने किया।
मध्य प्रदेश में मेडिकल का पाठ्यक्रम हिन्दी में तैयार करने के लिए कार्य योजना तैयार कर उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया। सिलेबस बनाने में मेडिकल छात्रों और अनुभवी डॉक्टरों के सुझाव शामिल किए गए। पुस्तकों के हिन्दी रूपांतरण का कार्य शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय के संबंधित विषयों के प्राध्यापक तथा सह प्राध्यापकों द्वारा किया गया।
अब महाराष्ट्र में भी पाठ्यपुस्तक दूसरी भाषा में करने का इसी तरह का प्रयास किया जा रहा है। अधिकारियों के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने ख़बर दी है कि महाराष्ट्र चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पहले दो साल के मेडिकल डिग्री कोर्स के लिए मराठी में पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराने का फ़ैसला किया है।
रिपोर्ट के अनुसार चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. अश्विनी जोशी ने निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा, 'इस योजना का पहला चरण मेडिकल डिग्री पाठ्यक्रमों के पहले और दूसरे वर्ष के लिए मराठी पाठ्यपुस्तकें तैयार करना होगा। ये वैकल्पिक, संदर्भ पाठ्यपुस्तकें होंगी, पाठों की बेहतर समझ के लिए स्थानीय भाषा (मराठी) माध्यम से आने वाले छात्रों के लिए एक सुविधा के रूप में। विशिष्ट क्षेत्रों के विशेषज्ञ अंग्रेजी से मराठी पाठ्यपुस्तकों में सही अनुवाद के लिए काम करेंगे। अनुवादक भाषा विशेषज्ञों और डॉक्टरों का एक संयोजन होगा क्योंकि सामग्री को चिकित्सकों द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए।'
क्षेत्रीय भाषा में चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने वाला महाराष्ट्र भारत का चौथा राज्य होगा। नई शिक्षा नीति (एनईपी), जिसमें क्षेत्रीय भाषाओं में उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया है, के अनुरूप मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश ने हिंदी में चिकित्सा शिक्षा शुरू करने की घोषणा की है। जबकि तमिलनाडु में तमिल माध्यम के स्कूलों से आने वाले छात्रों के लिए वैचारिक स्पष्टता और बेहतर समझ देने के लिए कुछ चिकित्सा शिक्षा पाठ्यपुस्तकों का तमिल में अनुवाद किया गया है।
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