पैगंबर मोहम्मद साहब पर की गई टिप्पणी को लेकर खाड़ी देशों के जबरदस्त विरोध के बाद क़तर में भारत के राजदूत ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। क़तर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने बयान जारी कर कहा है कि पैगंबर मोहम्मद साहब पर की गई टिप्पणी किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों को प्रकट नहीं करती है और ऐसे विचार शरारती तत्वों के हैं।
बयान में आगे कहा गया है, “हमारी सभ्यता की विरासत और मजबूत सांस्कृतिक परंपराओं के अनुरूप भारत सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है और इस तरह की टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है।”
दीपक मित्तल को क़तर के विदेश मंत्रालय ने बुलाया था और कहा था कि भारत सरकार पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी की तुरंत निंदा करे और सार्वजनिक रूप से माफी मांगे।
बता दें कि क़तर के साथ ही क़ुवैत, ईरान और सऊदी अरब ने भी इस टिप्पणी को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने बीजेपी प्रवक्ता की टिप्पणी को अपमानजनक बताया है।
ओआईसी ने की निंदा
क़ुवैत में भी भारत के राजदूत को समन किया गया था और उनसे इस तरह के बयान के लिए माफी मांगने को कहा गया था। आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन यानी ओआईसी ने भी बीजेपी प्रवक्ता के द्वारा दिए गए बयान की निंदा की है।
नूपुर शर्मा की सफाई
उधर, बीजेपी के द्वारा निलंबित किए जाने के बाद नूपुर शर्मा ने सफाई दी है। नूपुर शर्मा ने कहा है कि कई टीवी डिबेट में भगवान शिव का अपमान किया जा रहा था और इस दौरान गुस्से में आकर उन्होंने कुछ बातें कह दी। अगर इससे किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है तो वह अपने शब्द वापस लेती हैं। उनकी मंशा किसी को भी कष्ट पहुंचाने की कभी नहीं थी।
नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मुसलिम समुदाय ने देश में कई जगहों पर प्रदर्शन किया है और उनकी गिरफ्तारी की मांग की है। इसे लेकर कानपुर में सांप्रदायिक झड़प भी हो चुकी है।
उधर, बीजेपी के द्वारा की गई कार्रवाई के बाद सोशल मीडिया पर नूपुर शर्मा को जबरदस्त समर्थन मिला है।
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