बीजेपी ने पैगंबर मुहम्मद के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक बयान देनेवाली अपनी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ कार्रवाई करके एक ऐसा 'संदेश' दिया है जो पार्टी के सदस्य और समर्थक पचा नहीं पा रहे और उनका आक्रोश सोशल मीडिया पर झलक रहा है।
नूपुर के बयान की आँच मोदी तक आई, तब हुई कार्रवाई
- विश्लेषण
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- 6 Jun, 2022

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को अरब देशों की नाराज़गी की आँच से बचाने के चक्कर में अनजाने ही मोदी की एक और छवि ध्वस्त हो गई। यह वह छवि थी जो मोदी ने अपने 8 साल के शासन में ख़ुद ही तैयार की थी, एक ऐसे मोदी की जो दुनिया में किसी से भी नहीं डरता, किसी के आगे नहीं झुकता। लेकिन मोदी के झुक जाने से हिंदुत्व समर्थक नाराज हैं।
संदेश यह है कि भाजपा या मोदी सरकार को देश के 20 करोड़ मुसलमानों के ग़ुस्से की कोई परवाह नहीं है (क्योंकि वह उनके वोटों के बग़ैर भी जीत सकती है) लेकिन पश्चिम एशिया के तेल-समृद्ध मुस्लिम देशों की नाराज़गी से उसकी और मोदी सरकार की सेहत पर बहुत ज़्यादा फ़र्क़ पड़ता है।
आपको याद होगा कि पैगंबर मोहम्मद पर नूपुर शर्मा का बयान 26 मई को आया था लेकिन उसके बाद दस दिनों तक पार्टी की तरफ़ से कोई कार्रवाई नहीं हुई, कोई निंदात्मक बयान तक नहीं आया। पार्टी की चुप्पी को सहमति समझते हुए उसके दिल्ली मीडिया सेल के प्रभारी नवीन कुमार जिंदल ने 1 जून को और भी आपत्तिजनक ट्वीट कर दिया। उनके ख़िलाफ़ भी कोई क़दम नहीं उठाया गया 4 जून तक।
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश