उदयपुर और जम्मू में दो आतंकवादियों के तार बीजेपी से जुड़े होने की ख़बरों के बाद ये सवाल उठाए जा रहे हैं कि किस तरह आतंकवादी बीजेपी में घुसपैठ करने में कामयाब हो रहे हैं। कई लोग इसे बीजेपी की चूक बता रहे हैं कि पार्टी ने इन्हें अपने साथ जोड़ते समय इनके अतीत की जाँच नहीं की। लेकिन अगर पार्टी जाँच करती तो भी क्या कुछ मिलता ख़ासकर तब जब पुलिस के पास ही इनके ख़िलाफ़ कोई पुराना रेकॉर्ड नहीं है?