भारत की आज़ादी और आज़ादी के साथ ही 'धार्मिक बहुलता' के आधार पर हुए बँटवारे का ख़्याल आते ही एक सवाल मन में आता है कि अगर बँटवारा नहीं होता तो आज क्या होता? क्या भारत-पाकिस्तान और बांग्लादेश की जनता के हालात आज से बेहतर होते या बदतर होते? क्या अखंड भारत धर्म के नाम पर अधिक बँटा होता या जुड़ा होता? क्या विकास के पायदानों में वह ऊपर चढ़ा होता या नीचे होता? पड़ोसी चीन के साथ हमारे संबंध कैसे होते?
विभाजन: 1947 में देश बँटा नहीं होता तो क्या नहीं होता?
- विचार
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- 15 Aug, 2022

आज़ादी के 76 साल में विभाजन को लेकर तरह-तरह के सवाल उठते रहे हैं। एक तो सवाल विभाजन की विभीषिका को लेकर ही उठ रहे हैं। ऐसे में क्या इसकी कल्पना की जा सकती है कि यदि देश बँटा नहीं होता तो क्या होता?
आइए, एक अंदाज़ा लगाते हैं कि देश बँटा नहीं होता तो आज क्या होता?
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश