फैक्ट चेक करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ ने आरोप लगाया है कि पेमेंट गेटवे Razorpay ने उसे चंदा देने वालों की जानकारी पुलिस के साथ शेयर की है।
ऑल्ट न्यूज़ ने कहा है कि Razorpay ने बिना उसे बताए और बिना किसी जांच के ही उसे चंदा देने वालों की जानकारी पुलिस को दे दी।
बता दें कि दिल्ली पुलिस इन दिनों ऑल्ट न्यूज़ को मिले चंदे की जांच कर रही है और कुछ दिन पहले ही एक अन्य मामले में उसने इसके सह संस्थापक मोहम्मद जु़बैर को गिरफ्तार किया था।
इस बारे में Razorpay का कहना है कि उसे एक लिखित आदेश मिला था और भारत के कानून के मुताबिक इसका पालन करना उसके लिए जरूरी था। Razorpay की ओर से कहा गया है कि वह डाटा सिक्योरिटी के लिए प्रतिबद्ध है और भारत के कानून और नियमों का भी पालन करता रहेगा।
ऑल्ट न्यूज़ ने इस बात को कहा है कि केवल भारतीय बैंक खाते ही उसे दान दे सकते हैं और विदेशी क्रेडिट कार्ड Razorpay के बैक-एंड में नहीं थे। इसलिए उस पर यह आरोप लगाया जाना कि उसे ऐसे विदेशी स्रोतों से चंदा मिला है, जहां से वह चंदा नहीं ले सकता इस तरह के आरोप पूरी तरह झूठ हैं।
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ऑल्ट न्यूज़ की ओर से कहा गया है कि वह Razorpay के विकल्प के तौर पर किसी दूसरे प्लेटफार्म पर विचार करेगा। इससे पहले पुलिस के कहने के बाद Razorpay ने ऑल्ट न्यूज़ के अकाउंट को अपने प्लेटफार्म से निष्क्रिय कर दिया था लेकिन बाद में इसे फिर से चालू कर दिया गया था।
ऑल्ट न्यूज़ के मुताबिक, Razorpay ने उसे अकाउंट को निष्क्रिय करने के बारे में तो बताया था लेकिन यह नहीं बताया कि उसने ऐसा क्यों किया।
दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद ज़ुबैर को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश करने के दौरान उनके खिलाफ आपराधिक साजिश रचने और सबूत नष्ट करने के आरोप लगाए थे।
ज़ुबैर के खिलाफ विदेशी चंदा प्राप्त करने के लिए फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट एफसीआरए की धारा 35 भी लगाई गई है। दिल्ली पुलिस ने कहा है कि ज़ुबैर की कंपनी को पाकिस्तान, सीरिया और अन्य खाड़ी देशों से चंदा मिला है।
पुलिस का कहना है कि ज़ुबैर ने अपने मोबाइल फोन को फॉर्मेट कर दिया और कुछ ट्वीट को भी डिलीट कर दिया।
14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
दिल्ली पुलिस के द्वारा मोहम्मद ज़ुबैर को एक अन्य मामले में सोमवार को उत्तर प्रदेश के सीतापुर ले जाया गया था जहां उनके खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का मुकदमा दर्ज था। इस मामले में ज़ुबैर को सीतापुर की स्थानीय अदालत में पेश किया गया था। मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि मोहम्मद ज़ुबैर ने 3 लोगों- महंत बजरंग मुनि, यति नरसिंहानंद सरस्वती और स्वामी आनंद स्वरूप को नफरत फैलाने वाला करार दिया था। इस मामले में 27 मई को भगवान शरण नाम के शख्स की ओर से मोहम्मद ज़ुबैर के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। स्थानीय अदालत ने इस मामले में ज़ुबैर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
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