पेमेंट गेटवे Razorpay ने कहा है कि फैक्ट चेक करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज सिर्फ घरेलू भुगतान ही ले सकती है। Razorpay ने कहा है कि विदेशी मदद हासिल करने के लिए फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट यानी एफसीआरए से मंजूरी जरूरी होती है। दिल्ली पुलिस ने पिछले हफ्ते दिल्ली की एक अदालत को बताया था कि वह ऑल्ट न्यूज़ के द्वारा एफसीआरए कानून का उल्लंघन किए जाने के मामले की जांच कर रही है।
दिल्ली पुलिस ने विदेशी चंदा लेने के लिए ज़ुबैर पर एफसीआरए की धारा 35 लगाई थी और कहा था कि मोहम्मद ज़ुबैर की कंपनी को पाकिस्तान, सीरिया और अन्य खाड़ी देशों से चंदा मिला है।
लेकिन Razorpay ने एक बयान जारी कर और ऑल्ट न्यूज़ का नाम लिए बिना कहा है कि यह कंपनी हमारे नियमों के मुताबिक सिर्फ घरेलू भुगतान ही ले सकती है और एफसीआरए की अनुमति के बिना अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन नहीं किया जा सकता।
इस बारे में Razorpay का कहना था कि उसे एक लिखित आदेश मिला था और भारत के कानून के मुताबिक इसका पालन करना उसके लिए जरूरी था। Razorpay की ओर से कहा गया था कि वह डाटा सिक्योरिटी के लिए प्रतिबद्ध है और भारत के कानून और नियमों का भी पालन करती रहेगी।
तब भी ऑल्ट न्यूज़ ने इस बात को कहा था कि केवल भारतीय बैंक खाते ही उसे दान दे सकते हैं और विदेशी क्रेडिट कार्ड Razorpay के बैक-एंड में इनेबल नहीं थे। इसलिए उस पर यह आरोप लगाया जाना कि उसे ऐसे विदेशी स्रोतों से चंदा मिला है, जहां से वह चंदा नहीं ले सकता, पूरी तरह झूठ है।
इससे पहले पुलिस के कहने पर Razorpay ने ऑल्ट न्यूज़ के अकाउंट को अपने प्लेटफ़ॉर्म से निष्क्रिय कर दिया था लेकिन बाद में इसे फिर से चालू कर दिया गया था।
शुक्रवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने सीतापुर के एक मामले में मोहम्मद ज़ुबैर को जमानत दे दी थी लेकिन एक अन्य मामले में उन्हें अभी जमानत नहीं मिली है इसलिए उन्हें जेल में ही रहना होगा।
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