loader

नूपुर की जान को खतरा, अज्ञात के खिलाफ FIR, गिरफ्तारी का दबाव भी बढ़ा

बीजेपी से निलंबित नेता नूपुर शर्मा की जान को खतरे की एफआईआर दिल्ली पुलिस ने दर्ज कर ली है। यह एफआईआर नूपुर शर्मा की ओर से खुद अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज कराई गई है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि पैगंबर मुहम्मद पर उनकी टिप्पणी पर उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है।

नूपुर को बीजेपी ने रविवार को निलंबित कर दिया था क्योंकि एक टीवी शो के दौरान उनकी टिप्पणी पर विवाद खड़ा हो गया था। खाड़ी देशों ने पैगंबर पर उनकी टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
ताजा ख़बरें
नूपुर शर्मा ने रविवार को ट्विटर पर एक माफीनामा पोस्ट करते हुए कहा कि उनका इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और लोगों से उसका पता सार्वजनिक नहीं करने का आग्रह किया। बीजेपी ने उनका जो निलंबन पत्र जारी किया था, वो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। उसमें नूपुर का पता था।

बीजेपी ने रविवार को नूपुर शर्मा को जांच लंबित रहने तक निलंबित किया था। पार्टी ने कहा कि उन्होंने कई मामलों पर पार्टी की स्थिति के विपरीत विचार व्यक्त किए हैं। खाड़ी देशों के दबाव के बाद नूपुर शर्मा के खिलाफ कार्रवाई हुई। उनके ही मुद्दे पर यूपी के कानपुर में उनकी टिप्पणी को लेकर हिंसा भड़की।

खाड़ी क्षेत्र के देशों - सऊदी अरब, कतर, बहरीन - और ईरान ने नूपुर की टिप्पणी की कड़ी निंदा की है। कतर और बहरीन ने भी भारतीय दूत को तलब किया और निराशा व्यक्त की। दोनों देशों ने शर्मा के खिलाफ बीजेपी की कार्रवाई का भी स्वागत किया है।

गिरफ्तारी के लिए दबाव

सरकार पर नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी का दबाव बढ़ता जा रहा है। बीएसपी प्रमुख मायावती ने यह मांग जोरशोर से उठाई है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि देश में सभी धर्मों का सम्मान जरूरी। किसी भी धर्म के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल उचित नहीं। इस मामले में बीजेपी को भी अपने लोगों पर सख्ती से शिकंजा कसना चाहिए। केवल उनको सस्पेंड व निकालने से काम नहीं चलेगा बल्कि उनको सख्त कानूनों के तहत जेल भेजना चाहिए।

इसी तरह एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग की है। ओवैसी ने कहा कि बीजेपी इस मामले में लीपापोती कर रही है। जब नूपुर शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है तो उनकी गिरफ्तारी को क्यों रोका जा रहा है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें