जब डाटा प्रोटेक्शन बिल क़ानून नहीं बना था तब से ही इसका विरोध सिर्फ़ एक्टिविस्ट, सिविल सोसाइटी और विपक्षी दल ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि इसको लेकर सरकारी थिंक टैंक ने भी चेताया था। नीति आयोग ने डाटा प्रोटेक्शन बिल में जिन कुछ प्रावधानों को लेकर आगाह किया था कि उनमें से एक आरटीआई के कमजोर होने को लेकर चेतावनी भी थी। लेकिन सरकार ने अनसुना कर दिया और बिल को उसी रूप में पास कर दिया और यह क़ानून बन गया। द इंडियन एक्सप्रेस ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से यह ख़बर दी है। हालाँकि, इस क़ानून को अभी लागू किया जाना बाक़ी है।
नीति आयोग ने चेताया था डाटा प्रोटेक्शन क़ानून से कमजोर हो सकता है RTI
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- 29 Sep, 2024
डेटा सुरक्षा कानून ने जो प्रस्तावित किया है वह आरटीआई अधिनियम की एक धारा में संशोधन भी शामिल है। इस संशोधन से यह हो जाएगा कि सरकारी अधिकारियों के बारे में व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा करने की अनुमति नहीं होगी।

डेटा सुरक्षा कानून ने जो प्रस्तावित किया है वह आरटीआई अधिनियम की एक धारा में संशोधन भी शामिल है। इस संशोधन से यह हो जाएगा कि सरकारी अधिकारियों के बारे में व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा करने की अनुमति नहीं होगी, भले ही यह व्यापक सार्वजनिक हित में सही हो। यानी यदि कोई चाहेगा कि आरटीआई के माध्यम से किसी सरकारी अधिकारी के बारे में व्यक्तिगत जानकारी हासिल कर ले तो नये डाटा प्रोटेक्शन क़ानून ऐसा करने से रोक देगा।