स्क्रॉल ने यूएस रिसर्च ग्रुप हिंदुत्व वॉच की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि भारत में 2023 की पहली छमाही में मुसलमानों के खिलाफ नफरती भाषण (हेट स्पीच) के 255 मामले सामने आए। वॉशिंगटन डीसी स्थित इस रिसर्च ग्रुप ने कहा कि इनमें से लगभग 80% नफरत भरे भाषण की घटनाएं भारतीय जनता पार्टी द्वारा शासित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हुईं। हिन्दुत्व वॉच भारत में अल्पसंख्यकों के ऊपर होने वाले हमलों की घटनाओं पर नजर रखता है।
रिसर्च समूह ने सोशल मीडिया और समाचार रिपोर्टों के जरिए इस तरह का डेटा जमा किया है। उसने कहा कि नफरत फैलाने वाले भाषणों की घटनाओं के वीडियो की सच्चाई का पता लगाने के लिए डेटा-स्क्रैपिंग तकनीको का सहारा लिया गया। इसके अलावा तमाम रिसर्चरों और पत्रकारों से बातचीत के दौरान भी सूचनाएं जुटाई गईं।
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भारत में "हेट स्पीच" (घृणास्पद भाषण) की कोई आधिकारिक परिभाषा नहीं है, इसलिए रिसर्च ग्रुप ने संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के दायरे में अपने डेटा जमा किए।
संयुक्त राष्ट्र हेट स्पीच उसे मानता है जो "संचार (कम्युनिकेशन) के किसी भी रूप में की गई हो। वो चाहे मौखिक, लिखित या व्यवहारिक रूप में कहीं भी हो।जिसमें धर्म, जातीयता, राष्ट्रीयता, नस्ल, रंग, वंश, लिंग जैसी चीजों के आधार पर किसी व्यक्ति या समूह के प्रति पूर्वाग्रहपूर्ण या भेदभावपूर्ण भाषा बोली गई हो।"
हिंदुत्व वॉच ने कहा कि सबसे अधिक घटनाएं महाराष्ट्र में हुईं, उसके बाद कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात आते हैं । इसमें यह भी कहा गया कि उत्तराखंड में भारत की कुल आबादी का 1% से भी कम हिस्सा मुस्लिम होने के बावजूद, इस वर्ष लगभग 5% नफरत वाली घटनाएं राज्य में हुईं। उत्तराखंड में तो मुस्लिमों का कई जिलों में विस्थापन तक हुआ यानी उन्हें वो कस्बा या शहर छोड़कर जाना पड़ा।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि मार्च में रामनवमी के मौके पर हेट स्पीच की घटनाएं ज्यादा देखी गईं। महीने के अंतिम हफ्ते में देश भर में 18 घृणास्पद भाषण की घटनाएँ हुईं, जिनकी वजह से उस दिन हिंसा भड़की। रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि हेट स्पीच कार्यक्रम आयोजित करने में शामिल सबसे प्रमुख समूह विश्व हिंदू परिषद और इसकी युवा शाखा, बजरंग दल थे। भारतीय जनता पार्टी के नेता 19 मुस्लिम विरोधी हेट स्पीच संबंधी घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं।
हिन्दुत्व वॉच ने कहा कि वीएचपी, बजरंग दल समेत तमाम समूहों ने लव जिहाद, जमीन जिहाद और भारत में बढ़ती मुस्लिम आबादी की गलत सूचनाओं के सहारे गलत प्रचार किया। सुनियोजित मुस्लिम विरोधी साजिश इस प्रचार का हिस्सा था।
मुस्लिम हेट की कम से कम 83 घटनाएं ऐसी हैं, जिसमें उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का सीधे आह्वान जारी किया। इसमें मुसलमानों के जातीय सफाए, नरसंहार और मुस्लिम पूजा स्थलों को नष्ट करने के आह्वान शामिल थे। 27 मामले ऐसे भी पाए गए, जिसमें हिंदुओं से मुसलमानों से सामान और सेवाएं न लेने को कहा गया। मुस्लिम समुदाय को राज्य से बाहर करने की कोशिशें भी हुईं। करीब 70 फीसदी घटनाएं उन भाजपा शासित राज्यों में हुईं, जहां इस साल के अंत में या 2024 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
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रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है कि शायद भाजपा की चुनावी संभावनाओं को मजबूत करने के लिए यह सब किया गया है। घृणास्पद भाषणों के जरिए हिंदुत्व की लामबंदी का संकेत इनसे मिलता है। यह उस रणनीतिक नजरिए की संभावना को बढ़ाता है जिसका मकसद नफरत फैलाना और हिंसा भड़काना है।
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