केंद्र सरकार की महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना (MGNREGS मनरेगा) से करीब 8 करोड़ रजिस्टर्ड मजदूरों के नाम दो साल के अंदर उड़ा दिए गए। पिछले पांच वर्षों में अकेले 2022-23 वित्तीय वर्ष में 20.47 फीसदी नाम हटाए गए, जो सबसे ज्यादा है। यह बात लिबटेक इंडिया और नरेगा संघर्ष मोर्चा की रिपोर्ट में कही गई है। दोनों सिविल सोसाइटी के एनजीओ हैं और अस्थायी मजदूरों के बीच काम करते हैं। रिपोर्ट में रजिस्टर्ड श्रमिकों की कमी को "जबरदस्त" बताया गया है। 2019-2020 में यह कमी 1.83 प्रतिशत थी जो 2022-23 में 20.47 प्रतिशत पर पहुंच गई। 2022-23 में महज 4.24 फीसदी नए श्रमिक शामिल हुए, जबकि 2023-24 में 9.87 प्रतिशत श्रमिक हटाए गए और सिर्फ 4.18 प्रतिशत नए जोड़े गए।
मनरेगाः 2 साल में 8 करोड़ मजदूरों के नाम उड़ा दिए गए, बजट में भी कटौती
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- 29 May, 2024
केंद्र सरकार की मनरेगा स्कीम में पिछले दो वर्षों में करीब 8 करोड़ दिहाड़ी मजदूरों के नाम उड़ा दिए गए। केंद्र की मोदी सरकार ने बजट में भी कटौती कर दी। लिबटेक इंडिया और नरेगा संघर्ष मोर्चा की रिपोर्ट में इस स्कीम में तमाम मुद्दों को उठाया गया है। रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई थी।
