भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा का यह कहना सामान्य नहीं है कि ‘अब पार्टी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ज़रूरत नहीं है।’ उनका तर्क है कि बीजेपी अब सक्षम हो गयी है। जब सक्षम नहीं थी तब आरएसएस की ज़रूरत थी। सवाल ये है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को ऐन लोकसभा चुनाव के बीच को यह सफ़ाई देने की ज़रूरत क्यों पड़ी? कहीं ऐसा तो नहीं कि नड्डा संभावित हार की आशंका से घबराये हुए हैं और आरएसएस को इसके दाग़ से बचाने की क़वायद एक योजना के तहत शुरू की गयी है।