प्रधानमंत्री गुरुवार को पटियाला में चुनावी रैली को संबोधित करेंगे। वो पहले हरियाणा जाएंगे, उसके बाद शाम 4.30 बजे पटियाला पहुंचेंगे।उनका पटियाला में सिर्फ 45 मिनट का प्रोग्राम है। लेकिन किसानों ने कहा है कि वे इस रैली के दौरान प्रदर्शन करते हुए रैली स्थल पोलो ग्राउंड तक मार्च करेंगे। इससे शहर में टकराव का माहौल बन गया है। शंभू बॉर्डर पर किसान पहले से ही बैठे हुए हैं। सरकार ने कोई रिस्क नहीं लेते हुए 7500 जवानों को पोलो ग्राउंड और आसपास के इलाकों में तैनात कर दिया है।
पंजाब भाजपा के नेता बुधवार रात तक किसान नेताओं से पटियाला में अपना प्रदर्शन स्थगित करने का अनुरोध करते रहे। लेकिन किसान नेताओं ने ऐलान कर दिया कि 23 मई को पटियाला में विरोध प्रदर्शन होगा। रैली स्थल की ओर किसान कूच करेंगे। पोलो ग्राउंड में भाजपा उम्मीदवार परणीत कौर के समर्थन में मोदी की रैली का विरोध करने के लिए किसान काले झंडे लेकर विभिन्न सड़कों से मार्च करने वाले हैं। खुफिया एजेंसियां इस बात पर चिंतित हैं कि कुछ कथित खालिस्तानी तत्व भी विरोध प्रदर्शन के दौरान शामिल हो सकते हैं। पटियाला को नो फ्लाई जोन घोषित किया गया है। यानी पीएम मोदी के अलावा कोई और विमान पटियाला के फ्लाई जोन से नहीं गुजर सकेगा। जालंधर में भी नो फ्लाईजोन घोषित है।
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेताओं ने बताया कि उसके कार्यकर्ता काले झंडे लेकर प्रदर्शन करेंगे। अन्य एसकेएम नेताओं ने कहा कि वे पटियाला की ओर जाने वाले पांच एंट्री प्वाइंट्स पर धरना देंगे। एसकेएम के एक अलग समूह ने कहा कि वे इन पांच एंट्री प्वाइंटस के जरिए रैली की ओर जाने वाले रास्तों को जाम कर देंगे। भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) ने कहा कि उसके कार्यकर्ता डीसी दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर, अमरजीत सिंह मोहरी और मंजीत सिंह राय ने कहा कि अगर उन्हें पीएम से बातचीत के लिए आमंत्रित नहीं किया गया तो वे काले झंडे के साथ-साथ अपनी-अपनी यूनियनों के झंडे दिखाकर पीएम की यात्रा का विरोध करेंगे। पंढेर ने कहा- “हम रैली को बाधित नहीं करना चाहते हैं, लेकिन हम आयोजन स्थल की ओर मार्च करेंगे और अपनी आवाज़ सुनाएंगे। सरकार के पास विरोध को रोकने की मशीनरी है. वे अपना काम करेंगे और हम अपना काम करेंगे।'' उन्होंने कहा कि किसान शंभू बॉर्डर, खनौरी बॉर्डर, डबवाली और रतनपुरा बॉर्डर से कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़ेंगे।
भाजपा प्रत्याशियों का घेराव होगा
किसान नेताओं ने कहा कि हमारे किसान कार्यकर्ता 28 मई को भाजपा उम्मीदवारों के घरों का घेराव करेंगे। 2 जून को वे अपनी भविष्य की रणनीति तैयार करने के लिए बैठक करेंगे। हमें पता चला है कि सरकार ने किसानों के विरोध प्रदर्शन स्थल के रूप में पटियाला में डीसी दफ्तर आवंटित किया है। हम बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगे।
बीकेयू (शहीद भगत सिंह) के अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहरी ने भाजपा की स्टेट यूनिट पर चुनाव से पहले पंजाब में ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ''यह किसानों, मजदूरों, छोटे दुकानदारों और व्यापारियों का विरोध है। प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले पटियाला में खालिस्तान के नारे लिखना राज्य में ध्रुवीकरण करने की एक और रणनीति के अलावा कुछ नहीं है।'' यानी खालिस्तान समर्थकों को नारे लिखने की बात के लिए उन्होंने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है जो हिन्दुओं और सिखों को लड़ाना चाहती है।
बहरहाल, पटियाला शहर में इस समय वाहनों का गहन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात है। सूत्रों का कहना है कि मोदी वाईपीएस मैदान हेलिपैड पर उतरेंगे। जहां से वह वाहनों के काफिले में सुरक्षित मार्ग से रैली स्थल तक जाएंगे। एसपीजी ने जो यात्रा रूट बनाया है, उससे तीन मिनट में मोदी का कारवां रैली स्थल पर पहुंच जाएगा। इस रूट की सूचना एसपीजी के अलावा किसी के पास नहीं है।
पटियाला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि किसानों के लिए एक प्रदर्शन स्थल की पेशकश की गई है। वे लोग डीसी दफ्तर के सामने प्रदर्शन कर सकते हैं। लेकिन किसी को रैली स्थल की ओर नहीं आने दिया जाएगा। हमने कई चेक प्वाइंट बनाए हैं। जहां से गुजरने के बाद ही कोई रैली स्थल तक जा सकेगा। बता दें कि 2022 में पंजाब चुनाव के दौरान एक घटना हो चुकी है, तब से पंजाब पुलिस और सरकार हाई एलर्ट पर है। मोदी के कार्यक्रम के दौरान उस समय भी किसानों ने प्रदर्शन कर मोदी के काफिले को रोक दिया था। मोदी ने उस समय आरोप लगाया था कि उन पर हमला हो सकता था। पंजाब की आप सरकार ने मेरी सुरक्षा की परवाह नहीं की।
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