राजदीप सरदेसाई की गिनती देश के बड़े पत्रकारों में होती है। वे मूलतः अंग्रेज़ी में लिखते हैं पर पढ़े हिंदी में ज़्यादा जाते हैं। अंग्रेज़ी के अधिकांश पत्रकारों की पाठकों के क्षेत्र में निर्भरता हिंदी पर ही है। राजदीप एक सम्पन्न, विनम्र और ‘सामान्यतः’ व्यवस्था विरोधी पत्रकार माने जाते हैं। उन्हें मैदानी पत्रकारिता की भी समझ है क्योंकि ज़रूरत पड़ने पर पैदल भी चल लेते हैं। राजदीप को इस समय अपने ताज़ा आलेख के कारण चर्चा में होना चाहिए पर लगता नहीं कि ऐसा हो पा रहा है।