भारत की जेलें अंडर ट्रायल (विचाराधीन) कैदियों से बजबजा रही हैं। ये कैदी ऐसे आरोपी हैं, जिन पर छोटे-मोटे अपराध का आरोप है। देश की अदालतों में 5 वर्षों से भी ज्यादा समय से 1 करोड़ मामले सुनवाई के लिए पेंडिंग हैं। इनमें से 76 फीसदी अंडर ट्रायल हैं, जिनके मुकदमे पेंडिंग हैं। मात्र इस आंकड़े से अंडर ट्रायल आरोपियों की भयावह स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
इंसाफ मी लार्डः अंडर ट्रायल से बजबजा रही हैं जेलें, यूपी टॉप पर -1 लाख पर 1 जज
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- 14 Jul, 2022
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अंधाधुंध गिरफ्तारियों पर चिन्ता जताई थी। इस संबंध में जेलों में बंद अंडर ट्रायल कैदियों का आंकड़ा ही इस बात की पुष्टि के लिए काफी है कि देश की जेलें वाकई छोटे-मोटे आरोपों में पकड़े गए लोगों से भर उठी हैं। इसमें यूपी सबसे टॉप पर है। आंकड़ों के हवाले से पढ़िए यह रिपोर्ट।
