भारत की जेलें अंडर ट्रायल (विचाराधीन) कैदियों से बजबजा रही हैं। ये कैदी ऐसे आरोपी हैं, जिन पर छोटे-मोटे अपराध का आरोप है। देश की अदालतों में 5 वर्षों से भी ज्यादा समय से 1 करोड़ मामले सुनवाई के लिए पेंडिंग हैं। इनमें से 76 फीसदी अंडर ट्रायल हैं, जिनके मुकदमे पेंडिंग हैं। मात्र इस आंकड़े से अंडर ट्रायल आरोपियों की भयावह स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।