बीजेपी नेताओं पर नफ़रत फैलाने के बड़े-बड़े आरोप लगे, पर वह शायद ही कभी बैकफुट पर नज़र आई हो। बल्कि पहले तो वह और ज़्यादा आक्रामक नज़र आती रही थी। लेकिन अब पैगंबर मोहम्मद साहब पर बीजेपी नेताओं की टिप्पणी के बाद बीजेपी न सिर्फ़ बैकफुट पर है, बल्कि वह कई मायनों में झुकती हुई दिख रही है। बीजेपी की आख़िर ऐसी मजबूरी क्या है? क्या यह मजबूरी खाड़ी देशों की ज़बरदस्त नाराज़गी की वजह से है?
खाड़ी देशों के ग़ुस्से को नज़रअंदाज़ क्यों नहीं करती मोदी सरकार?
- देश
- |
- |
- 7 Jun, 2022
पैगंबर मोहम्मद साहब पर बीजेपी नेताओं द्वारा की गई टिप्पणी पर केंद्र क्यों घिरा है? क्या बीजेपी के नेतृत्व वाली मोदी सरकार खाड़ी देशों की नाराज़गी को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकती? आख़िर क्यों?

सवाल है कि यदि खाड़ी देश नाराज़गी जता रहे हैं तो मोदी सरकार उनको नज़रअंदाज़ क्यों नहीं कर पा रही है जैसा कि वह आम तौर पर पाकिस्तान की नाराज़गी और उसके विरोध पर करती रही है?