केंद्र सरकार का यह झूठ एक बार फिर उजागर हो गया है कि अपने गृह राज्य लौट रहे प्रवासी मज़दूरों के भाड़ा का 85 प्रतिशत वह चुकाती है और शेष 15 प्रतिशत राज्य सरकारें चुका दें।