खनौरी बॉर्डर पर काले कपड़े पहने 111 निहत्थे किसानों के एक 'जत्थे' ने खनौरी सीमा पर अपना आमरण अनशन शुरू कर दिया। केंद्र के खिलाफ अपने आंदोलन को और तेज करते हुए किसानों ने जगजीत सिंह दल्लेवाल के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इसे शुरू किया है। हरियाणा की तरफ बॉर्डर पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
खनौरी बॉर्डर पर बुधवार सुबह को किसान सफाई करते दिखे। डल्लेवाल का आमरण अनशन बुधवार को 51वें दिन पहुंच गया और किसान नेताओं ने कहा कि उन्हें पीने के पानी में दिक्कत हो रही है।
उन्होंने कहा, उनका शरीर अभी भी पानी स्वीकार नहीं कर रहा है और "मल्टी ऑर्गन फेल्योर" की ओर बढ़ रहा है, जो चिंताजनक है।
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि 111 किसानों का एक समूह बुधवार दोपहर 2 बजे से आमरण अनशन पर बैठा। उन्होंने काले कपड़े पहनकर शांतिपूर्वक पुलिस बैरिकेडिंग के पास अपना अनशन शुरू किया। उन्होंने कहा, किसान बहुत भावुक हैं और उनका मानना है कि डल्लेवाल के बलिदान से पहले वे अपना बलिदान देंगे।
किसान नेताओं ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं देने के लिए केंद्र पर हमला बोला है। इसी के साथ आंदोलन का नया चरण शुरू हो गया है। क्योंकि किसान अब गांधीवादी तरीके से अपना आंदोलन चला रहे हैं।
किसानों ने पहले कहा था कि डल्लेवाल कुछ भी नहीं खा रहे हैं और सिर्फ पानी पर जीवित हैं।
डल्लेवाल का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा कि उनका स्वास्थ्य हर दिन "बिगड़ता" जा रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल कानूनी गारंटी की मांग सहित किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर पिछले साल 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।
इस बीच हरियाणा के कैथल जिले से किसानों का एक समूह डल्लेवाल के समर्थन में खनौरी बॉर्डर पर पहुंचा। एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। किसानों ने कई बार दिल्ली कूच करने की कोशिश की लेकिन सुरक्षा बलों ने हर बार उन्हें रोक दिया।
(इस रिपोर्ट का संपादन यूसुफ किरमानी ने किया)
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