किसान फिर से वार्ता करने को तैयार हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान यूनियनों ने 29 दिसंबर को वार्ता फिर से शुरू करने की घोषणा की है। किसानों के प्रदर्शन का एक महीना से ज़्यादा वक़्त हो चुका है और सरकार की तरफ़ से बातचीत से हल निकालने का प्रयास अब तक विफल रहा है। किसान नये कृषि क़ानूनों को रद्द कराने पर अड़े हैं और उससे कम उन्हें मंजूर नहीं है। लेकिन सरकार अलग-अलग संशोधनों जैसे प्रस्ताव लेकर आ रही है। प्रधानमंत्री मोदी ख़ुद कई योजनाओं की घोषणा कर किसानों को विश्वास में लेने की कोशिश में हैं।
किसान वार्ता को फिर तैयार, विफल हुई तो आंदोलन तेज़ करेंगे
- देश
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- 27 Dec, 2020
किसान फिर से वार्ता करने को तैयार हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान यूनियनों ने 29 दिसंबर को वार्ता फिर से शुरू करने की घोषणा की है। वार्ता अनुकूल नहीं होने पर किसानों ने आंदोलन तेज़ करने की चेतावनी दी है।

सरकार की नीति है कि वह नये कृषि क़ानूनों को हटाना भी नहीं चाहती और किसानों को मनाना भी चाहती है। किसान भी क़रीब-क़रीब इसी राह पर चल रहे हैं। कृषि क़ानूनों को रद्द नहीं करने तक अपने आंदोलन को तेज़ भी करते जा रहे हैं और सरकार की वार्ता के प्रस्ताव को स्वीकारते भी जा रहे हैं। 29 दिसंबर को वार्ता का नतीजा अनुकूल नहीं होने पर किसानों ने आंदोलन तेज़ करने की चेतावनी दी है।