किसान फिर से वार्ता करने को तैयार हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान यूनियनों ने 29 दिसंबर को वार्ता फिर से शुरू करने की घोषणा की है। किसानों के प्रदर्शन का एक महीना से ज़्यादा वक़्त हो चुका है और सरकार की तरफ़ से बातचीत से हल निकालने का प्रयास अब तक विफल रहा है। किसान नये कृषि क़ानूनों को रद्द कराने पर अड़े हैं और उससे कम उन्हें मंजूर नहीं है। लेकिन सरकार अलग-अलग संशोधनों जैसे प्रस्ताव लेकर आ रही है। प्रधानमंत्री मोदी ख़ुद कई योजनाओं की घोषणा कर किसानों को विश्वास में लेने की कोशिश में हैं।