यूरोपीय सांसदों को जम्मू-कश्मीर का दौरा क्यों कराया गया? इससे फ़ायदा तो नहीं होता दिख रहा है, लेकिन नुक़सान ज़बरदस्त होता दिख रहा है। तो मोदी सरकार को किसने दिया ऐसा सुझाव? क्या कोई जानबूझकर प्रधानमंत्री मोदी की छवि को नुक़सान पहुँचाना चाहता है? सत्य हिंदी पर देखिए आशुतोष की बात।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।