क्या कभी मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है? पिछले क़रीब 18 साल से इस बयान को बार-बार फैक्ट चेक कर ग़लत साबित किया जाता रहा है, लेकिन हर बार एक के बाद एक बीजेपी के नेता इसका राग छेड़ देते हैं। इस बार खुद प्रधानमंत्री मोदी ने ही इस पर बयान दे दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि '...मनमोहन सिंह जी की सरकार ने कहा था कि (देश की) संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है...। माताओ, बहनो, ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे'। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस के मैनिफेस्टो पर भी धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाया है। प्रधानमंत्री के इस बयान पर बवाल मच गया है! कांग्रेस ने पीएम मोदी को झूठा क़रार दिया है। इस पर बयान जारी कर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा है, 'वे देश को हिंदू-मुसलमान के नाम पर झूठ परोसकर बांट रहे हैं। मेरी पीएम मोदी को चुनौती है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में कहीं भी 'हिंदू-मुसलमान' शब्द लिखा हो तो दिखा दें। यह चुनौती स्वीकार करें, या झूठ बोलना बंद कर दें।'
PM मोदी ने आज फिर झूठ बोला।
— Congress (@INCIndia) April 21, 2024
वे देश को हिंदू-मुसलमान के नाम पर झूठ परोसकर बांट रहे हैं।
मेरी PM मोदी को चुनौती है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में कहीं भी 'हिंदू-मुसलमान' शब्द लिखा हो तो दिखा दें।
यह चुनौती स्वीकार करें, या झूठ बोलना बंद कर दें। pic.twitter.com/sOpBCsJgaU
प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है। लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों ने क्या कहा है, इसको जानने से पहले यह जान लें कि पीएम के बयान में ऐसा क्या कहा गया है कि बवाल मचा है और इसकी हकीकत क्या है।
पीएम मोदी ने रविवार को चुनावी रैली में कहा, 'उन्होंने (कांग्रेस ने) कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब, ये संपत्ति इकट्ठी कर किसको बाँटेंगे? जिनके ज़्यादा बच्चे हैं उनको बाँटेंगे। घुसपैठिए को बाँटेंगे। ...ये कांग्रेस का मैनिफेस्टो कह रहा है... कि माताओं-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे। ...जानकारी लेंगे और फिर संपत्ति को बाँट देंगे। और उनको बाँटेंगे जिनको मनमोहन सिंह जी की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। ये अर्बन नक्सल की सोच, मेरी माताओ, बहनो, ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे।'
PM मोदी को झूठ बोलने की गंदी आदत है.
— Congress (@INCIndia) April 21, 2024
एक बार फिर झूठ बोलते पकड़े गए. pic.twitter.com/G2DJkSvQ6S
इस तरह मनमोहन सिंह के भाषण में कहीं नहीं कहा गया है कि देश के संसाधनों पर एक समुदाय का पहला अधिकार है। वह एससी, एसटी, ओबीसी, महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों, सभी की बात कर रहे थे।
इससे पहले 2022 में पीएम मोदी के एक तत्कालीन मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने राष्ट्रपति के धन्यवाद ज्ञापन प्रस्ताव पर चर्चा में कुछ वैसा ही दावा कर दिया था। लल्लनटॉप की रिपोर्ट के अनुसार नक़वी ने कहा था, 'कभी कहा जाता था कि इस देश के संसाधनों पर एक सम्प्रदाय विशेष का अधिकार है। वो अधिकार देने वाले नहीं थे लेकिन कहते ज़रूर थे।' उनके इस बयान पर भी बवाल मचा था और फैक्ट चेक किया गया था। लेकिन यह बात फिर से पीएम मोदी के बयान से फिर उछली है।
इस पर प्रतिक्रिया में विनोद कापड़ी ने लिखा है, 'जब 400 पार हो ही रहे हैं तो इस स्तर तक जाने की क्या मजबूरी है, नरेंद्र मोदी? कम से कम प्रधानमंत्री पद का तो लिहाज़ कर लो।'
जब 400 पार हो ही रहे हैं तो इस स्तर तक जाने की क्या मजबूरी है @narendramodi ?
— Vinod Kapri (@vinodkapri) April 21, 2024
कम से कम प्रधानमंत्री पद का तो लिहाज़ कर लो। pic.twitter.com/wITci3AzLM
PM मोदी को फिर किसी ने गलत जानकारी दी. वरना वो सरेआम झूठ न बोलते
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) April 21, 2024
पहला झूठ: कांग्रेस के मेनिफेस्टो में कहीं नहीं लिखा कि लोगों की संपत्ति बांटी जाएगी
दूसरा झूठ: मनमोहन सिंह ने कभी नहीं कहा कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है
नजाने कौन PM से झूठ बोलवा रहा और उनकी छवि… pic.twitter.com/IVVSEcljZy
कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने कहा है, 'ये देश का दुर्भाग्य है कि ये व्यक्ति इस देश का प्रधानमंत्री है, और उससे भी बड़ी त्रासदी है कि भारत का चुनाव आयोग अब जिंदा नहीं रहा। हार की बौखलाहट के चलते खुलेआम भारत के प्रधानमंत्री नफरत का बीज बो रहे हैं, मनमोहन सिंह जी के 18 साल पुराने अधूरे बयान को ग़लत कोट करते हुए ध्रुवीकरण कर रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग (मोदी का परिवार) नतमस्तक है।'
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