सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने सोमवार को जिस आर्थिक आधार पर ईडब्ल्यूएस आरक्षण को उचित ठहराया है, वह फ़ैसला बहुमत के आधार पर लिया गया है। बहुमत से यहाँ मतलब है कि संविधान पीठ में शामिल 5 जजों में से 3 जजों ने तो इसके पक्ष में फ़ैसला सुनाया, लेकिन बाक़ी के दो जज उससे असहमत थे। असहमत जजों में सीजेआई भी शामिल हैं।
10 % EWS आरक्षण पर फ़ैसला देने वाली बेंच के ही जज असहमत क्यों?
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- 7 Nov, 2022
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ भले ही ईडब्ल्यूएस आरक्षण को बरकरार रखने वाला फ़ैसला दिया है, लेकिन उसी पीठ के दो जजों ने उस फ़ैसले पर असहमति जताई है। जानिए उनकी क्या है आपत्ति।

असहमति के क्या मायने हैं, क्या इस मामले को अब संविधान की बड़ी पीठ यानी 5 जजों से ज़्यादा वाली पीठ के पास भेजा जा सकता है, इसका जवाब बाद में पता चलेगा और सुप्रीम कोर्ट ही इस पर निर्णय लेगा। लेकिन सवाल है कि पीठ में शामिल दो जजों की असहमति क्या थी? आख़िर उन्होंने किन बातों को लेकर आशंकाएँ जताईं और क्या तर्क रखे?