केंद्र ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि लॉकडाउन के दौरान सभी हेल्थ वर्कर्स, पैरामेडिकल स्टाफ़, सफ़ाई कर्मचारी और एंबुलेंस को आने-जाने में कोई परेशानी न हो। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ राज्यों द्वारा हेल्थ वर्कर्स के एक राज्य से दूसरे राज्य में आने-जाने पर लगाए गए प्रतिबंधों पर आपत्ति जताई है। मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि ये लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए बेहद अहम हैं।
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि सभी राज्य इस बात को भी तय करें कि प्राइवेट क्लीनिक्स और नर्सिंग होम्स खुले रहें। गृह मंत्रालय के सचिव अजय भल्ला ने इस संबंध में राज्यों को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा है कि लोगों का जीवन बचाने के लिए मेडिकल प्रोफ़ेशनल्स का बेरोक-टोक आना-जाना बेहद ज़रूरी है। देश में पिछले दो महीने से लागू लॉकडाउन के कारण कई राज्यों ने अपनी सीमाओं को सील कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक़, रविवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की राज्यों के प्रमुख सचिव और स्वास्थ्य सचिवों के साथ हुई बैठक में राज्यों की ओर से रेड, ग्रीन और ऑरेंज ज़ोन तय करने को लेकर आपत्ति जताई गई है। राज्यों ने कहा है कि प्रवासियों के आने के बाद जिस तरह से जिलों में संक्रमण के मामले बढ़े हैं, ऐसी स्थिति में वे इलाक़े रेड ज़ोन में आ जाएंगे।
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