दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर ने कोरोना वायरस से संक्रमित एक गंभीर व्यक्ति की जान बचाने के लिए प्रोटेक्टिव गियर को भी फेंक दिया। इसके बाद डॉक्टर को 14 दिन के लिए क्वरेंटीन होने की सलाह दी गई है।
एनडीटीवी के मुताबिक़, एम्स रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के महासचिव टी. श्रीनिवास राजकुमार ने बताया, ‘डॉक्टर ज़ाहिद अब्दुल मजीद को कोरोना संक्रमित एक व्यक्ति को एम्स के ट्रामा सेंटर में बने आईसीयू में शिफ़्ट करने के लिए बुलाया गया। तब तक ज़ाहिद को अपना रोज़ा खोलने का भी मौक़ा नहीं मिला था।’ डॉक्टर ज़ाहिद जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के रहने वाले हैं।
जब डॉक्टर मजीद एबुंलेंस के पास पहुंचे तो मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और उन्हें ऐसा लगा कि मरीज की सांस लेने वाली नली निकल गई है। यह घटना शुक्रवार रात को 2 बजे हुई।
मजीद ने कहा, ‘मैंने तुरंत सांस लेने वाली नली को फिर से लगाने का फ़ैसला किया। लेकिन पीपीई किट के कारण मुझे एंबुलेंस के अंदर साफ नहीं दिखाई दे रहा था। तभी मैंने चश्मे और चेहरे को बचाने वाली शील्ड को निकालने का फ़ैसला किया और सांस लेने वाली नली को फिर से लगाया, क्योंकि थोड़ी सी देर होने पर मरीज की मौत हो सकती थी।’
राजुकमार ने कहा कि मजीद ने इस बारे में भी नहीं सोचा कि वह भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को यह सोचना चाहिए कि हमारा सिर्फ़ एक ही दुश्मन है और वह कोरोना है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर ज़ाहिद बेहद कर्मठ डॉक्टर हैं।
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