फ्रंटलाइन वर्कर्स और वरिष्ठ नागरिकों को आज से बूस्टर डोज लगनी शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते माह इस बात का एलान किया था कि सरकार बूस्टर डोज लगाएगी। इसे प्रीकॉशन डोज का नाम दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इस डोज के लिए रजिस्टर करवाने की कोई जरूरत नहीं है।
जो भी लोग इसके पात्र हैं उन्हें अपने नजदीक के वैक्सीनेशन सेंटर में जाकर इसे लगवाना चाहिए।
दुनिया के कई देशों में बूस्टर डोज लगने के बाद भारत में भी लगातार इसकी मांग की जा रही थी। इसके अलावा 15 से 18 साल की उम्र के बच्चों को भी वैक्सीन लग रही है।
हालांकि सरकार ने अभी इसे लेकर कोई फैसला नहीं किया है कि क्या सभी वयस्कों को बूस्टर डोज लगेगी। फ्रंटलाइन वर्कर्स के अलावा 60 साल से ऊपर के ऐसे नागरिक, जो तमाम दूसरी बीमारियों से भी जूझ रहे हैं उन्हें भी यह प्रीकॉशन डोज दी जाएगी।
केंद्र सरकार ने कहा था कि यह पहले लग चुकी दो डोज की तरह ही होगी। इसका मतलब साफ है कि जिन लोगों को भी कोविशील्ड की दो डोज लग चुकी हैं, उन्हें तीसरी डोज भी इसी वैक्सीन की लगेगी। कोवैक्सीन लगवाने वालों के मामले में भी ऐसा ही होगा।
बीते दिनों में जिस रफ्तार से डॉक्टर और हेल्थ केयर वर्कर्स कोरोनावायरस से संक्रमित हुए हैं उसे देखते हुए यह जरूरी था कि उन्हें कोई बूस्टर या प्रीकॉशन डोज दी जाए। क्योंकि वैक्सीन की दोनों डोज का असर कुछ महीने बाद निश्चित रूप से कम हो जाता है।
ऐसे वक्त में अब जब कोरोनावायरस का संक्रमण फिर से रफ्तार पकड़ रहा है तो निश्चित रूप से इस बूस्टर डोज से लोगों को इस महामारी से लड़ने में मदद जरूर मिलेगी।
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