आर्किटेक्ट अन्वय नाइक और उनकी मां की आत्महत्या के मामले में गिरफ़्तार पत्रकार अर्णब गोस्वामी की रिहाई पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी ने लोगों को ध्यान अपनी ओर खींचा है। कोर्ट ने 'व्यक्तिगत आज़ादी' की सुरक्षा की बात कही और आगे कहा कि अगर शीर्ष अदालत आज इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करती है तो यह विनाश के रास्ते पर ले जाने वाला होगा।