अलीगढ़ के एक कॉलेज में नमाज पढ़ने वाले टीचर को एक महीने की जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया है। टीचर के नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने इसे मुद्दा बना दिया था।
यह घटना वार्ष्णेय कॉलेज अलीगढ़ की है। कॉलेज में लॉ पढ़ाने वाले प्रोफेसर एस आर खालिद ने हाल ही में कॉलेज के लॉन में नमाज पढ़ी थी। किसी ने इसका वीडियो बनाया और वायरल कर दिया। एबीवीपी ने पुलिस में शिकायत की। इसके बाद उसने कॉलेज में भी शिकायत की। कॉलेज ने इस मामले में कमेटी गठित करते हुए प्रोफेसर खालिद को एक महीने की जबरन छुट्टी पर भेज दिया है। कमेटी से तीन दिनों में रिपोर्ट मांगी गई है।
इस संबंध में प्रोफेसर खालिद से जब पूछा गया कि उन्हें कॉलेज के लॉन में किन हालात में नमाज पढ़नी पढ़ी तो उन्होंने बताया कि उनकी पीठ में बहुत दर्द था। ड्यूटी का भी टाइम हो रहा था। इसलिए मस्जिद जाने की बजाय उन्होंने कॉलेज के लॉन में नमाज पढ़ी, ताकि ड्यूटी अपने सही वक्त पर पहुंच सकें।
इस संबंध में कॉलेज प्रिंसिपल से जब पूछा गया तो प्रिंसिपल ने कहा कि इस तरह की अनुमति कॉलेज परिसर में कैसे दी जा सकती है। जब उन्हें पत्रकारों ने एक फोटो दिखाते हुए बताया कि यहां तो सरस्वती पूजा भी हो चुकी है तो प्रिंसिपल ने कहा कि सरस्वती पूजा धर्म का हिस्सा नहीं है, वह संस्कृति का हिस्सा है।
Same college, Different rules. pic.twitter.com/ILndElpOik
— Mohammed Zubair (@zoo_bear) May 31, 2022
इस मामले में एबीवीपी नेता कपिल चौधरी ने गांधी पार्क पुलिस स्टेशन में घटना की लिखित शिकायत की थी। कपिल चौधरी ने कहा कि कॉलेज में इस्लामीकरण की कोशिश की जा रही है। अगर इनको आज नहीं रोका गया तो कल को बच्चे क्लास में नमाज पढ़ेंगे।
इस घटनाक्रम के बाद बुधवार को सोशल मीडिया पर वार्ष्णेय कॉलेज में सरस्वती पूजा का फोटो वायरल हो गया है। तमाम लोग इस पर टिप्पणियां कर रहे हैं। उनका कहना है कि कॉलेज का यह दोहरा मापदंड बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह एक प्रोफेसर के साथ सरासर अन्याय है। कुछ लोगों ने लिखा है कि लॉ प्रोफेसर अगर वहां नमाज जमात से पढ़ा रहे होते और लगातार वहां नमाज पढ़ते होते तो ऐतराज किया जाना चाहिए था। उस दिन उनको समस्या थी, इसलिए उन्होंने वहां नमाज पढ़ी।
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