एक अध्ययन से पता चला है कि सांस से जुड़े दूसरे संक्रमणों की तुलना में कोरोना रोगियों को संक्रमण के दो साल बाद न्यूरोलॉजिकल और मनोरोग संबंधी बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है। द लांसेट साइकियाट्री जर्नल में प्रकाशित 12.5 लाख से अधिक रोगियों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड के एक अध्ययन में यह कहा गया है।
अध्ययन में यह भी कहा गया है कि वयस्कों में अवसाद और एंजाइटी का बढ़ता जोखिम दो महीने से भी कम समय तक रहता है और बाद में वह उस स्तर तक आ जाता है जिस पर सांस संबंधी दूसरे संक्रमण के बाद रहता है। जब से कोरोना महामारी शुरू हुई है, इस बात के प्रमाण बढ़ रहे हैं कि कोविड से उबरे लोगों में न्यूरोलॉजिकल और मनोरोग संबंधी ख़तरा बढ़ सकता है।



























