कोरोना वायरस से व्याप्त वर्तमान माहौल में सबसे नाजुक स्थिति विभिन्न आयु-समूहों के बच्चों और विद्यार्थियों की है। वायरस से बचाने के लिए बच्चों के स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और वे बड़ों के साथ घरों में कैद रहने को मजबूर हैं।
कोरोना: लॉकडाउन के दौरान हरगिज न हो बच्चों की अनदेखी
- स्वास्थ्य
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- 7 Apr, 2020

कोरोना वायरस से व्याप्त वर्तमान माहौल में सबसे नाजुक स्थिति विभिन्न आयु-समूहों के बच्चों और विद्यार्थियों की है। वायरस से बचाने के लिए बच्चों के स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और वे बड़ों के साथ घरों में कैद रहने को मजबूर हैं।
यद्यपि लॉकडाउन के चलते पूरे पर्चे नहीं हो पाने की चिंता में रहे छात्रों और उनके अभिभावकों को सीबीएसई ने बड़ी राहत दे दी है। वोकेशनल समेत विभिन्न विषयों की 10वीं और 12वीं बोर्ड की बची हुई परीक्षाएँ अब नहीं होंगी। हालाँकि 12वीं बोर्ड के छात्रों को केवल मुख्य विषयों की परीक्षा देनी होगी जो उनके किसी उच्च शिक्षण संस्थान में दाखिले के लिए ज़रूरी हैं। इन विषयों की परीक्षा आयोजित कराने के लिए 10 दिन पहले केंद्रों को सूचित कर दिया जाएगा। कक्षा 9वीं व 11वीं के जिन स्कूलों में परीक्षा या रिजल्ट जारी नहीं हो सका है, उनमें छात्र-छात्राओं को स्कूल असेसमेंट, प्रोजेक्ट वर्क, पीरियोडिक टेस्ट, टर्म एग्ज़ाम आदि के आधार पर अगली कक्षा यानी 10वीं और 12वीं में प्रमोट किया जाएगा। जो बच्चे कक्षा नौवीं व 11वीं में किसी एक या एक से अधिक विषय में फ़ेल हैं, उन्हें ऑनलाइन कंटेंट मुहैया कराकर और उनका ऑनलाइन टेस्ट लेकर प्रमोट किया जाएगा।
विजयशंकर चतुर्वेदी कवि और वरिष्ठ पत्रकार हैं। उन्होंने कई मीडिया संस्थानों में काम किया है। वह फ़िलहाल स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता करते हैं।