दोहरे बलात्कार और हत्या का दोषी जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह एक फिर अस्थाई तौर पर जेल से बाहर आयेगा।
इंडियन एक्सप्रेस वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अपनी अस्थायी रिहाई को मंजूरी मिलने के बाद वह तीन सप्ताह के लिए जेल से बाहर रहेगा। पिछले 21 महीनों में यह उसकी छठी अस्थाई रिहाई है।
अधिकारी ने बताया है कि गुरमीत राम रहीम सिंह को 21 दिन की फरलो या छुट्टी दी गई है और वह इस दौरान उत्तर प्रदेश में अपने आश्रम में रहेंगे। उनके मंगलवार को रोहतक की सुनारिया जेल से बाहर आने की संभावना है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि वह आखिरी बार 20 जुलाई को एक महीने के लिए पैरोल पर बाहर आया था। तब वह बागपत जिले के बरवाना में अपने डेरा के आश्रम में रहा था।
डेरा सच्चा सौदा का मुख्यालय हरियाणा के सिरसा में है। डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम अपनी दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल और एक पत्रकार की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए डेरा सच्चा सौदा के प्रवक्ता ने कहा है कि उन्होंने जेल के भीतर से अस्थायी रिहाई के लिए आवेदन किया था। उम्मीद है कि सरकार कल अपना अंतिम निर्णय घोषित करेगी। अगर उसे यह मिल गया, तो वह मंगलवार को जेल से बाहर आ जायेगा।
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जनवरी में भी 40 दिन की पैरोल दी गई थी
इससे पहले, उसे जनवरी में भी 40 दिन की पैरोल दी गई थी। पिछले साल अक्टूबर में भी उसे 40 दिन की पैरोल दी गई थी। अक्टूबर की पैरोल से पहले, वह पिछले साल जून में एक महीने की पैरोल पर जेल से बाहर आया था। इसके अलावा, उसे 7 फरवरी 2022 से तीन सप्ताह की फरलो दी गई थी।डेरा प्रमुख को बार-बार दी जा रही इन रियायतों के कारण कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि आम कैदियों को यह सुविधा न के बराबर मिल पाती है। वहीं डेरा प्रमुख राम रहीम को यह सुविधा बार-बार क्यों मिल रही है इस लोग सवाल कर रहे हैं।
इन पैरोल के संबंध में जब हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से जनवरी में जब सवाल पूछे गये थे तब उन्होंने कहा था कि मुझे नहीं पता था कि राम रहीम को पैरोल मिली है। लेकिन अगर उसने किया है तो सभी प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद ही किया होगा और यह उसका अधिकार है। मैं इसमें हस्तक्षेप नहीं करूंगा।
वर्तमान में, राम रहीम कई अन्य आपराधिक मामलों का सामना कर रहा है। इन मुकदमों में उनके शिष्यों को नपुंसक बनाना और पंजाब में बेअदबी के मामले शामिल हैं।
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28 अगस्त 2017 को हुई थी 20 साल की सजा
एनडीटीवी वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक गुरमीत राम रहीम को अपनी दो साध्वियों के साथ रेप करने के आरोप में 28 अगस्त 2017 को 20 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के आरोप में अदालत ने गुरमीत राम रहीम को 17 जनवरी, 2019 को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।राम रहीम को साल 2020 में पहली बार पैरोल दी गई थी। 24 अक्टूबर 2020 को उसे राम रहीम को एक दिन की पैरोल दी गई थी। उसकी यह पहली पैरोल इतनी गुप्त थी कि पूरे हरियाणा में सिर्फ 4 लोगों को इसके बारे में जानकारी थी।
पहली बार उसे कड़ी सुरक्षा में जेल से बाहर निकाला गया था। पहली पैरोल में राम रहीम को उसकी बीमार मां से मिलने के लिए जेल से बाहर आने की अनुमति दी गई थी।
पहली पैरोल के करीब सात महीने बाद उसे दोबारा पैरोल दी गई थी। इस बार वह दो दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आया था। दूसरी बार भी वह अपनी मां से मिलने के लिए गुरुग्राम गया था। उस दौरान वह मानेसर के एक फार्म हाउस में ठहरा था।
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