सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह नाम के शख़्स की हत्या में इस्तेमाल की गई दो तलवारों को हरियाणा पुलिस ने बरामद कर लिया है। निहंग सिखों के एक समूह ने लखबीर सिंह की हत्या की जिम्मेदारी ली है और अब तक चार निहंग सिख इस मामले में आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इन सभी को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है।
लखबीर सिंह पंजाब के तरन तारन जिले के चीमा खुर्द गांव का रहने वाला था। उसका शव बीते शुक्रवार की सुबह सिंघु बॉर्डर पर मिला था। सिंघु बॉर्डर पर किसान पिछले 11 महीने से कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे हैं।
लखबीर सिंह की हत्या में शामिल निहंग सिखों के ख़ून से सने कपड़े भी पुलिस ने बरामद कर लिए हैं।
सोनीपत पुलिस का कहना है कि उन्होंने निहंग सिख सरबजीत सिंह की तलवार, उसके कपड़े और हत्या में शामिल दूसरे निहंग सिख नारायण सिंह के भी कपड़े और तलवार बरामद की है। सरबजीत सिंह ने लखबीर सिंह का हाथ काटा था जबकि नारायण सिंह ने उसका पैर। इन लोगों से मिले मोबाइल फ़ोन को भी फ़ॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया गया है।
सोनीपत पुलिस का कहना है कि इस मामले में अभी कई और लोगों की गिरफ़्तारी हो सकती है। हरियाणा पुलिस ने मामले की जांच के लिए दो विशेष टीमें बनाई हैं।
दलित समाज में आक्रोश
लखबीर सिंह की हत्या को लेकर दलित समाज में खासा आक्रोश है। उत्तर प्रदेश के दलित नेताओं- मायावती और चंद्रशेखर आज़ाद ने भी लखबीर सिंह की हत्या के मामले को उठाया है। चंद्रशेखर आज़ाद पीड़ित परिवार से जाकर मिल भी चुके हैं। पंजाब के दलित समाज के नेताओं ने भी लखबीर सिंह के मामले में ख़ासा ग़ुस्सा जाहिर किया है और कहा है कि उसकी हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए।
बेअदबी का आरोप
लखबीर सिंह पर यह आरोप लगाया है कि उसने सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी की थी। लेकिन लखबीर सिंह के परिजनों और गांव वालों ने कहा है कि लखबीर ऐसा नहीं कर सकता।
लखबीर सिंह के गांव वालों का कहना है कि लखबीर सिंह नशे का आदी था और हो सकता है कि उसे लालच देकर सिंघु बॉर्डर बुलाया गया हो। लखबीर सिंह दिहाड़ी मजदूर था। उसकी एक बहन और तीन बेटियां भी हैं। लखबीर की पत्नी उससे अलग रहती थी।
लखबीर की बहन राज कौर का कहना है कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि लखबीर को लालच देकर कौन दिल्ली ले गया।
इस घटना के सामने आने के बाद लगातार कई सवालों का सामना कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि यह घटना लखबीर के द्वारा पवित्र ग्रंथ की बेअदबी करने के प्रयास के कारण हुई। मोर्चा ने अपना स्टैंड साफ करते हुए कहा था कि वह इस निर्मम हत्या की निंदा करता है और यह स्पष्ट करना चाहता है कि दोनों पक्षों- निहंग समूह और मृतक का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है।
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