सैनी का नाम प्रस्तावित होते ही अनिल विज बैठक छोड़कर चले गए। सूत्रों ने कहा कि नए मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में उनके वापस आने की संभावना नहीं है। फिलहाल जिन पांच मंत्रियों ने शपथ ली है, उसमें विज का नहीं है। खट्टर और विज पंजाबी समुदाय का नेतृत्व करते हैं। दोनों खुद को पंजाबी नेता के तौर पर खुद को पेश करते रहे हैं। विज को उम्मीद थी कि खट्टर के बाद उन्हें मौका दिया जाएगा।
करीब 15 दिनों से हरियाणा में राजनीतिक घटनाक्रम चल रहे थे। लोकसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर सबसे पहले भाजपा और जेजेपी गठबंधन में दरारें उभरीं। मंत्रिमंडल में 14 मंत्री शामिल थे, जिनमें खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी के तीन सदस्य शामिल थे। सभी ने इस्तीफा दे दिया।
बीजेपी ने हरियाणा निवास में अपने विधायकों की बैठक बुलाई थी। समझा जाता है कि जेजेपी के पांच विधायक नई दिल्ली में पार्टी द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं हुए।
क्या जेजेपी टूटेगी
बताया जा रहा है कि बीजेपी कार्यकर्ता और नेता लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने के पक्ष में हैं। जेजेपी के जिन पांच विधायकों के गठबंधन सहयोगी भाजपा में शामिल होने की संभावना है, वे हैं जोगी राम सिहाग, राम कुमार गौतम, ईश्वर सिंह, रामनिवास और देविंदर बबली। सभी विधायकों के एक अलग समूह बनाकर भाजपा में शामिल होने की संभावना है। हालांकि कुछ निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की है।
90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में बीजेपी के पास अपने 41 विधायक हैं जबकि जेजेपी के पास 10 विधायक हैं।
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