हरियाणा में किसान आंदोलन भले ही खत्म हो गया है लेकिन उसकी धमक अभी भी गांवों में किसानों के विरोध प्रदर्शन के जरिए सुनाई दे रही है। लेकिन विरोध भाजपा के चुनाव प्रचार के दौरान ज्यादा दिखाई दे रहा है। किसानों ने बुधवार 1 मई को करनाल के कई गांवों में यहां से भाजपा प्रत्याशी मनोहर लाल खट्टर का पांच जगहों पर काले झंडे दिखाकर विरोध किया। हरियाणा में 10 लोकसभा सीटों के लिए 25 मई को वोट डाले जाएंगे।
दरअसल, निसिंग कस्बे में एक रैली में मंगलवार देर रात को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदर्शनकारी किसानों को "सिरफिरे (पागल) लोग" कहा। जिससे राज्य में किसान भड़क गए। इसके अगले दिन यानी बुधवार 1 मई को करनाल में खट्टर का रोड शो था और पांच जगहों पर सभाएं थी। किसान जत्थों ने इन सभी जगहों पर खट्टर का जबरदस्त विरोध करते हुए काले झंडे भी दिखाए। इस रोड शो में जनता नहीं थी, अलबत्ता वाहनों का काफिला जरूर था, जिसमें भाजपा नेता और पुलिसकर्मी शामिल थे।
खबरों के मुताबिक अपने जनसंपर्क कार्यक्रम के तहत खट्टर ने मंगलवार शाम को गंगाटेहरी पोपरा गांव से निसिंग तक रोड शो किया। लेकिन रास्ते में उनके काफिले को किसानों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा। पांच जगह पूर्व सीएम को काले झंडे दिखाए गए। कुछ गांवों में खट्टर के काफिले का रास्ता भी बदला गया, लेकिन बात नहीं बनी। जैसे ही किसानों को पता चलता था, वे 50-100 की शक्ल में गांवों के तिराहे-चौराहों पर आकर खड़े हो जाते। मोबाइल के जरिए किसान एक से दूसरे गांवों में जुड़े हुए थे और खट्टर का काफिला मुड़ने की सूचना अगले गांव में पहले ही पहुंच जाती थी।
खट्टर के बिगड़े बोल
मनोहर लाल खट्टर ने अपने रोड शो के सफल होने का दावा किया। खट्टर ने कहा- “रोड शो के दौरान मुझे लोगों से पॉजिटिव प्रतिक्रिया मिली। खुले दिल से जनता ने हमारा स्वागत किया। हालाँकि, कुछ 'सिरफ़िरे लोग' भी थे, जिनके अपने मकसद थे। लेकिन लोकतंत्र में यह सब ठीक नहीं है।” उन्होंने कहा, "लोकतंत्र में विचारों की लड़ाई होती है। संविधान हर किसी को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार देता है। आपको अपनी बात कहने और किसी भी राजनीतिक दल को चुनने की आजादी है। अगर कोई पार्टी आपकी बात नहीं सुनती है, तो आपको अपनी बात कहने की आजादी है।" खट्टर ने किसानों के प्रदर्शन के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।
खट्टर के मंगलवार वाले बयान का किसानों ने बुधवार को उनके रोड शो के दौरान विरोध किया। किसान संगठन बीकेयू (सर छोटू राम) के प्रवक्ता बहादुर सिंह मेहला ने कहा- “खट्टर ने किसानों के साथ जो किया था उसके नतीजे में काले झंडे लहराए गए। किसान एमएसपी के मुद्दों पर पूर्व सीएम से जवाब मांग रहे थे।”
हरियाणा में भाजपा मोदी लहर के सहारे सभी 10 सीटें जीतने का दावा कर रही है। उसकी पुरानी सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) से भाजपा ने गठबंधन तोड़ लिया। लेकिन अब गठबंधन तोड़ना उसे महंगा पड़ रहा है कि क्योंकि जाट बेल्ट में भाजपा को हालात का सामना अकेले करना पड़ रहा है। जेजेपी जाट समुदाय की ही पार्टी थी। लेकिन अब वो अलग चुनाव लड़ रही है। भाजपा ने गुरुवार को ही विवादित ब्रजभूषण शरण सिंह के बेटे को टिकट का ऐलान किया है। लेकिन इससे भिवानी, रोहतक, झज्जर सिरसा, हिसार आदि में गुस्से की लहर देखी जा रही है। भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ हरियाणा की महिला पहलवानों ने ही आवाज बुलंद की थी। हरियाणा में जाटों को उम्मीद थी कि भाजपा ब्रजभूषण परिवार के किसी भी सदस्य को टिकट नहीं देगी। लेकिन ब्रजभूषण की धमकी के आगे भाजपा को झुकना पड़ा।
बहरहाल, भाजपा ने अपने स्टार प्रचारकों की फौज हरियाणा में उतारने का फैसला किया है। इसमें मोदी और अमित शाह तो होंगी ही, लेकिन कई और हस्तियों को भी हरियाणा में रैलियों के लिए बुलाया जा रहा है। इनमें राजनाथ सिंह, जगत प्रकाश नड्डा, नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी, हेमा मालिनी, भूपिंदर यादव और अनुराग ठाकुर सहित कई वरिष्ठ केंद्रीय नेता शामिल हैं।
इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (यूपी), भजन लाल शर्मा (राजस्थान), मोहन यादव (एमपी) और पुष्कर सिंह धामी (उत्तराखंड) को भी आने को कहा गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की थी।
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