चुनाव आयोग ने शनिवार को हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान की तारीख 5 अक्टूबर तक के लिए टाल दी। हरियाणा में पहले 1 अक्टूबर को मतदान की घोषणा की गई थी और नतीजे 4 अक्टूबर को आने थे। लेकिन जम्मू-कश्मीर चुनाव के तीसरे चरण के लिए 1 अक्टूबर को होने वाले मतदान की तारीख में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अब जम्मू-कश्मीर और हरियाणा दोनों के लिए चुनाव परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। पहले जम्मू कश्मीर के नतीजे 4 अक्टूबर को आने वाले थे।
चुनाव आयोग की अधिसूचना में कहा गया है, "1 अक्टूबर को मतदान होने से बड़ी संख्या में लोग मतदान से वंचित हो सकते थे। हरियाणा विधान सभा के आम चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी कम हो सकती है।" 24 अगस्त को, हरियाणा बीजेपी की राज्य चुनाव प्रबंधन समिति के सदस्य वरिंदर गर्ग ने कहा था, ''हमने तर्क दिया है कि 1 अक्टूबर (मंगलवार) की विधानसभा चुनाव की तारीख सप्ताहांत से पहले है और उसके बाद अधिक छुट्टियां हैं, जिससे मतदान प्रतिशत प्रभावित हो सकता है क्योंकि लोगों का रुझान लंबे सप्ताहांत पर छुट्टियों पर जाने के लिए होता है।"
भाजपा की तारीख बढ़ाने की मांग को लेकर विपक्ष ने काफी आलोचना की थी। विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस कदम की आलोचना की थी। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि पार्टी के रुख से पता चलता है कि उसने पहले ही हार स्वीकार कर ली है।
हुड्डा ने कहा था- "चुनाव चुनाव आयोग द्वारा तय की गई तारीख के अनुसार होने चाहिए...हरियाणा के लोग भाजपा सरकार को एक दिन के लिए भी सत्ता में नहीं देखना चाहते।"
आप की हरियाणा इकाई ने कहा कि चुनाव होने से पहले ही सत्तारूढ़ भाजपा ने बहाने ढूंढना शुरू कर दिया था क्योंकि उसे चुनाव में अपनी हार का एहसास हो गया था।
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