बीजेपी शासित राज्य गुजरात में बजरंग दल ने एलान किया है कि वह एक क्रिकेट टूर्नामेंट कराएगा जिसमें सिर्फ हिंदू खिलाड़ी ही खेल सकेंगे। बजरंग दल के नेताओं का कहना है कि मई में यह क्रिकेट टूर्नामेंट गुजरात के कई शहरों में होगा।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बजरंग दल के नेता ज्वलित मेहता ने कहा कि उनका संगठन अहमदाबाद और अन्य शहरों में वहां की स्थानीय क्रिकेट टीमों के साथ संपर्क में है और टूर्नामेंट में शामिल होने वाली टीमों के सामने सिर्फ एक शर्त रखी गई है कि सभी खिलाड़ी हिंदू ही होंगे।
बजरंग दल ने गुजरात में पिछले दो दशक का सबसे बड़ा सदस्यता अभियान भी चलाया है और 2600 युवाओं को साबरकांठा में त्रिशूल दीक्षा दी गई है।
इस बीच, विश्व हिंदू परिषद ने अहमदाबाद में मंगलवार को संत सम्मेलन का आयोजन किया और इसमें हिंदू मंदिरों और अन्य धार्मिक संस्थानों से सरकारी नियंत्रण को हटाने, गौशालाओं को कर में राहत देने, जातिगत भेदभाव खत्म करने सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई है।
निश्चित रूप से बजरंग दल के द्वारा इस तरह का क्रिकेट टूर्नामेंट कराने का एलान किसी संवैधानिक मुल्क में पूरी तरह गलत है। इससे धार्मिक भेदभाव और लोगों के बीच दूरियां बढ़ेंगी।
बजरंग दल ने बीते कुछ महीनों में कई राज्यों में धर्मांतरण का आरोप लगाकर काफी हंगामा किया है। बीते साल क्रिसमस मनाए जाने के दौरान भी बजरंग दल के कार्यकर्ता कई जगहों पर पहुंचे थे और नारेबाजी की थी।
नजदीक हैं विधानसभा चुनाव
गुजरात में विधानसभा चुनाव में अब सिर्फ 8 महीने का वक्त बचा है और 5 में से 4 राज्यों में बड़ी जीत हासिल करने के बाद बीजेपी के हौसले बुलंद हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुछ दिन पहले 9 किलोमीटर लंबा रोड शो भी गुजरात में कर चुके हैं। गुजरात में इस बार कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी भी मजबूती से चुनाव लड़ रही है।
गुजरात में बीते दो दशक से ज्यादा वक्त से बीजेपी सत्ता में है और खुद नरेंद्र मोदी 14 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे हैं।
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