गोवा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बीजेपी ने 11 दिनों बाद प्रमोद सावंत को फिर से सत्ता की बागडोर सौंप दी। लगातार हो रही देरी से यह कयास लग रहे थे कि बीजेपी आलाकमान वहां किसी और नाम पर भी विचार कर रहा है। लेकिन आज केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में नरेंद्र सिंह तोमर, देवेंद्र फडणवीस और अन्य नेता पहुंचे। विधायक दल की बैठक हुई।
केंद्रीय मंत्री और पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि विश्वजीत राणे ने विधायक दल के नेता के रूप में प्रमोद सावंत के नाम का प्रस्ताव रखा। सभी ने सर्वसम्मति से सावंत को नेता चुना। वह अगले 5 वर्षों के लिए विधायक दल के नेता होंगे।
बता दें कि विश्वजीत राणे वही शख्स हैं, जिन्होंने अपने नाम का संकेत बतौर भावी सीएम दिया था। सीएम चुने जाने के बाद प्रमोद सावंत ने कहा कि मैं पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे अगले 5 वर्षों तक गोवा के सीएम के रूप में काम करने का मौका दिया। मुझे खुशी है कि गोवा के लोगों ने मुझे स्वीकार किया है। मैं राज्य के विकास के लिए हर संभव प्रयास करूंगा।
गोवा में विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद प्रमोद सावंत केंद्रीय नेताओं के साथ
मनोनीत सीएम प्रमोद सावंत ने कहा कि मैं राज्य में बुनियादी ढांचे और मानव विकास के लिए काम करूंगा। गोवा में पीएम मोदी के विजन को आगे बढ़ाया जाएगा। मैं आज शाम को ही गोवा के राज्यपाल पीएस श्रीधरन पिल्लई से मिलूंगा, जहां शपथ ग्रहण समारोह के बारे में निर्णय लिया जाएगा। प्रमोद सावंत को फिर से कमान सौंपने की खास वजह यह है कि सावंत ने गोवा विधानसभा चुनाव में पार्टी को 40 में से 20 सीटें जीतने में मदद की।
24 अप्रैल 1973 को जन्मे सावंत गोवा के बिचोलिम के कोठांबी के रहने वाले हैं। उन्होंने कोल्हापुर में गंगा एजुकेशन सोसाइटी के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज से आयुर्वेद, मेडिसिन और सर्जरी में स्नातक की डिग्री हासिल की है। उन्होंने तिलक महाराष्ट्र विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ सोशल वर्क में स्नातकोत्तर की डिग्री पूरी की है।
एक समर्पित आरएसएस कार्यकर्ता, सावंत ने उत्तरी गोवा के सांखालिम निर्वाचन क्षेत्र से 2012 और 2017 का चुनाव जीता, जो कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। वो पहले छात्र राजनीति में थे, फिर संघ ने उन्हें राजनीतिक रूप से सामने आने को कहा।
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