ममता बनर्जी की अति महत्वाकांक्षा और हड़बड़ी ने तीसरे मोर्चे की हवा निकाल दी है। ग़ैर-भाजपावाद की राह पर चलती ममता बनर्जी अचानक रुख बदल कर ग़ैर कांग्रेसी मोर्चा की तरफ़ बढ़ने लगीं। वे मोदी के सबसे प्रिय उद्योगपति गौतम अडानी से न सिर्फ़ मिलीं बल्कि उनके साथ की फोटो भी सार्वजनिक की। इसी के साथ ही महाराष्ट्र की राजनीति के साथ देश की भी राजनीति गर्मा गई। शिवसेना ने फौरन ही ममता बनर्जी के अभियान की हवा निकाल दी।
ममता बनर्जी के तीसरे मोर्चे की हवा क्यों निकली?
- दो टूक
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- 5 Dec, 2021

हाल तक ममता बनर्जी मोदी के ख़िलाफ़ देश में एक बड़ा चेहरा बन कर उभरी थीं और दो दिन में वह मोदी के साथ खड़ी हुई क्यों जान पड़ती हैं? क्या वह तीसरा मोर्चा बना पाएंगी?
शिवसेना के मुखपत्र के एग्जीक्यूटिव एडिटर और राज्यसभा सांसद संजय राउत की टिप्पणी पर ग़ौर करना चाहिए। संजय राउत ने कहा कि बिना कांग्रेस पार्टी के कोई मोर्चा नहीं बन सकता है। उन्होंने कहा कि तीसरा-चौथा मोर्चा किसी काम का नहीं है। इससे वोटों का बंटवारा ही होगा। उन्होंने आगे कहा कि यूपीए को मज़बूत करने की ज़रूरत है। संजय राउत ने साफ़ किया कि यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके नेतृत्व पर किसी ने सवाल नहीं उठाया।