बजट सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री सभी सांसदों को संदेश देते हैं। यह परंपरा है। पीएम मोदी आज बहुत लंबे अर्से बाद पत्रकारों और टीवी कैमरे के सामने आए। उन्होंने बयान दिया और चलते बने। इस मौके पर पत्रकारों को प्रधानमंत्री से सवाल पूछने की इजाजत नहीं थी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि संसद के बजट सत्र में चर्चा राज्य के चुनावों से आगे नहीं बढ़नी चाहिए। विपक्ष ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह पेगासस पर न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट का मुद्दा उठाएगा। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत सरकार ने इजरायल के साथ रक्षा सौदे के तहत पेगासस स्पाइवेयर खरीदा है।
मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "मैं सभी सांसदों से अनुरोध करता हूं, चुनाव आते-जाते रहते हैं, लेकिन बजट सत्र बहुत महत्वपूर्ण है। हम इस सत्र को जितना अधिक उपयोगी बनाएंगे हैं, देश के लिए आर्थिक ऊंचाइयों को छूने के लिए शेष वर्ष बेहतर होगा।" उन्होंने कहा, "चुनावों के कारण संसद में चर्चा प्रभावित होती है। लेकिन चुनावों का अपना स्थान होता है, वे जारी रहेंगे। संसद में खुली चर्चा की जरूरत है। बजट पूरे साल के लिए टोन सेट करता है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है।"
पीएम ने कहा कि सत्रों के दौरान चर्चा अच्छे इरादों से होनी चाहिए।
मोदी ने कहा, "इस सत्र में भी, चर्चा, चर्चा के मुद्दे और खुले दिमाग की बहस ग्लोबल प्रभाव के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर बन सकती है। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि सभी सांसद, राजनीतिक दल खुले दिमाग से गुणवत्तापूर्ण चर्चा करेंगे और देश को आगे ले जाने में मदद करेंगे।
विवादास्पद इजरायली स्पाइवेयर पेगासस से जुड़े नए आरोपों को लेकर बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को कई विपक्षी दलों के हमलों का सामना करना पड़ सकता है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इजरायली फर्म एनएसओ द्वारा स्पाइवेयर और एक मिसाइल सिस्टम, भारत और इजरायल के बीच लगभग 2 अरब डॉलर के सौदे के "केंद्र बिंदु" थे।
आरोप है कि स्पाइवेयर का इस्तेमाल पत्रकारों, अधिकारियों, राजनेताओं, कार्यकर्ताओं और जजों को निशाना बनाने के लिए किया गया था। इससे पहले मॉनसून सत्र में किसानों का मुद्दा उठने पर काफी हंगामा हुआ था और पूरा सत्र बर्बाद हो गया था। सरकार ने बहस नहीं होने दी। इस बार बजट सत्र पांच राज्यों के चुनाव के दौरान पड़ रहा है, इसलिए मोदी सरकार और विपक्ष कोई मौका अपनी राजनीति चमकाने का नहीं छोड़ेंगे। बजट सत्र भी राजनीतिक क्रॉसफायर की भेंट चढ़ने वाला है।
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