गायों की तस्करी, उन्हें मार दिए जाने और गोवंश की भूख-प्यास व बीमारी से मौत के ज़िम्मेदारों को सलाखों के पीछे डालने की वकालत करने वाली बीजेपी शासित मध्य प्रदेश में 200 से ज़्यादा गायों की दर्दनाक मौतों से जुड़े मामले में लीपापोती के आरोप लग रहे हैं। भोपाल के पास बड़ी संख्या में गायों की मौतों के सनसनीखेज खुलासे के बावजूद आरोपी बीजेपी नेता की गिरफ्तारी नहीं की गई है।
भोपाल से लगी ज़िले की बैरसिया तहसील में रविवार को बड़ी संख्या में गायों की मौत पर बवाल की सूचना आयी थी। भोपाल कलेक्टर अविनाश लावनिया दल-बल के साथ मौक़े पर पहुँचे थे। कलेक्टर ने बैरसिया के बसई में एक निजी गोशाला और इसके आसपास खुले मैदान एवं खेतों में गायों के बड़ी संख्या में शव और कंकाल पड़े होना पाया था। इस गोशाला का संचालन भाजपा की पुरानी नेता निर्मला देवी शांडिल्य करती हैं।
‘गो सेवा भारती’ नामक गोशाला में गायों की बदहाली को देखने के बाद कलेक्टर ने मौक़े पर ही गोशाला का लाइसेंस निरस्त कर दिया था। गोशाला के संचालन की ज़िम्मेदारी जनपद को सौंपकर जाँच के लिए पांच सदस्यीय समिति उन्होंने बना दी थी।
आरंभिक पड़ताल में बड़ी संख्या में गायों की मौत की वजह भूख-प्यास और बीमारी पाई गई। मौक़े पर मिले गायों के कुछ शवों को कल ही पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था।
उधर बैरसिया पुलिस ने रविवार शाम साढ़े पांच बजे बसई निवासी संजू उर्फ हरनाम धाकड़ की शिकायत पर निर्मला देवी शांडिल्य के ख़िलाफ़ भारतीय दंड विधान की धारा 269 (स्वच्छता की अनदेखी) और धारा 270 (संक्रमण फैलाने) की मामूली धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया था।
रिपोर्ट में लिखा गया था कि गोशाला और उसके आसपास के क्षेत्र में क़रीब 200 गायें मृत अवस्था में मिली हैं। काफ़ी संख्या में कंकाल और कुछ ताजा शव इनमें शामिल होने की बात भी रिपोर्ट में लिखी गई थी। बैरसिया पुलिस थाने ने आज सुबह संपर्क करने पर ‘सत्य हिन्दी’ को बताया कि गोशाला का संचालन करने वाली निर्मला देवी की गिरफ्तारी अभी नहीं हुई है। मामला जांच में हैं।
दिग्विजय सिंह ने सरकार को लिया आड़े हाथों
पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा के सदस्य दिग्विजय सिंह ने सोमवार सुबह एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि गोशाला का संचालन करने वाली भाजपा नेता के तार विश्व हिन्दू परिषद से जुड़े हुए हैं, लिहाजा पूरे मामले में लीपापोती हो रही है। गो हत्या का प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है। गिरफ्तारी नहीं हुई है। यदि यही कृत्य ग़ैर भाजपा या गैर हिन्दू का होता तो अब तक उस पर एनएसए लग जाता। मकान तोड़ दिया जाता।
गौ हत्या का प्रकरण दर्ज नहीं किया। कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 31, 2022
गौ हत्या करने वालों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई करने की लड़ाई कॉंग्रेस आखरी दम तक लड़ेगी।
गृह मंत्री जी मौन क्यों हैं?
4/n #मामूगेंग
सिंह ने कहा है, ‘गृह मंत्री मौन क्यों हैं? गो हत्या करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की लड़ाई कांग्रेस आखिरी दम तक लड़ेगी।’
गाय बुजुर्ग और बीमार थीं: गृहमंत्री
गृह मंत्री ने कहा कि मामला सामने आने के बाद गोशाला का लायसेंस निरस्त कर दिया गया है। गोशाला संचालक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। गोशाला का संचालन अब सरकारी स्तर पर हो रहा है। चारा उपलब्ध कराया गया है। स्वस्थ गायों को अन्य गो-शालाओं में स्थानांतरित किया जा रहा है।
गृहमंत्री ने कहा, ‘यह आरोप निराधार है कि सरकार मामले में लीपापोती कर रही है। आरोपी को बचाने का प्रयास हो रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘गोशाला संचालन की आड़ में अतिक्रमण किए जाने संबंधी शिकायत की जांच भी हो रही है। आज ही अतिक्रमण हटा दिया जाएगा।’
चूने का पानी देकर मारा जाता था गायों को
ग्रामीणों का आरोप है कि गोशाला में गायों को सुनियोजित तरीके से चूने का पानी देकर मार दिया जाता था। गायों के मरने के बाद उसके अवशेषों की तस्करी होती थी। यह गोरखधंधा लंबे समय से चल रहा था। कई बार शिकायतें कीं। उनका आरोप है कि गोशाला का संचालन करने वाली भाजपा नेता के रसूख की वजह से कार्रवाई नहीं हो रही थी।
आरोप यह भी लगाया गया कि नेता ही शिकायत करने वालों को अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए झूठे केसों में फंसाकर पुलिस से परेशान करवाया करती थी।
संचालक ने कहा - ‘साजिश की गई है’
इधर गोशाला संचालक निर्मला देवी ने मीडिया से कहा, ‘मेरे और गोशाला के खिलाफ जलने वालों ने बड़ी साजिश की है। मृत मिली गायों में महज पांच ही मेरी गोशाला की हैं। अन्य मृत एवं बीमार गायें किसी ने लाकर यहां डाली हैं।’
निर्मला ने यह भी दावा किया कि -‘गायों के कंकाल मेरी गोशाला के नहीं हैं। खुले मैदान और वीरान पड़े खेतों में मृत गायों/मवेशियों को लंबे समय से डाला जा रहा है। कंकाल मेरी गोशाला के होने का आरोप निराधार है।’
एक प्रश्न के जवाब में निर्मला देवी ने कहा, ‘गायों को चूना पुते बर्तनों में पानी स्वस्थ रखे जाने के लिए दिया जाता है।’ उन्होंने यह भी दावा किया कि-‘चूने के पानी से कीटाणु मरते हैं और गोवंश सुरक्षित रहता है।’
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