मध्य प्रदेश से शर्मसार करने वाली तालिबानी ‘सज़ा’ की तसवीर सामने आयी है। घटनाक्रम गुना जिले के नानाखेड़ी क्षेत्र का है। अजय धाकड़ (30 वर्ष) के घर पर उसके सामने रहने वाले साहू परिवार के लोगों ने शुक्रवार को धावा बोल दिया।
धावा बोलने वालों का आरोप था कि अजय, साहू परिवार की युवतियों पर बुरी नज़र रखता है। ताक-झांक और छेड़छाड़ करता है। परिवारजनों ने पहले गाली-गलौज की। बाद में अजय के हाथ-पैर बांधकर सड़क पर खींच लाये और पिटाई शुरू कर दी।
डंडे, लात-घूंसों से अजय को पीटा गया। सड़क पर घसीटा गया। अजय की पत्नी रीना और सात साल के बेटे विशाल ने खूब मिन्नतें कीं, लेकिन तालिबानी अंदाज में पिटाई की जाती रही। पुलिस ने मामले में 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर करते हुए तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है। गिरफ़्तार आरोपियों में दो महिलाएं हैं।
बड़ी संख्या में जुटी भीड़ तमाशबीन बनी रही। साहू परिवार की युवतियां पिटाई की अगुवाई करतीं रहीं। बेदम होने तक अजय को पीटा गया। पत्नी रीना और बेटा भी पिटाई के शिकार हुए।
उधर, तमाशबीन पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाते रहे। चटखारे लेते रहे। साहू परिवार के लोग रूकने को तैयार नहीं हुए तो रीना ने 100 नंबर पर फोन कर घटना की सूचना दी। मदद की गुहार लगाई।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बेसुध अजय और उसकी पत्नी को अस्पताल पहुँचाया। अजय को बोलने में दिक़्क़त है। वह बात नहीं कर पा रहा है।
पहले भी छेड़खानी की रिपोर्ट हुई
बताया गया है कि अजय साहू पर छेड़खानी का आरोप पहले भी लगा है। केस दर्ज हुआ है। सवाल यह उठाया जा रहा है कि पहले भी केस हुआ तो पुलिस ने ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की? कल का वाकया एकदम से नहीं हुआ है। मामला कई दिनों से पक रहा था तो फिर क्यों लापरवाही की गई? क्यों किसी बड़े घटनाक्रम का इंतज़ार किया?
यदि पूरी गलती युवक की भी है तो भी कोई तालिबानी अंदाज में सजा क्यों और कैसे दे सकता है! हालाँकि पुलिस मामला दर्ज कर कार्रवाई कर रही है।
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