दिल्ली में यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर ने फिर से चिंताएँ बढ़ा दी हैं। दिल्ली में यमुना सोमवार सुबह ख़तरे के निशान 205.33 मीटर से एक मीटर से अधिक ऊपर बहने लगी। इस वजह से पुराने रेलवे ब्रिज पर ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई है। 13 जुलाई को 208.66 मीटर के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद पुराने रेलवे ब्रिज पर नदी का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास मंडरा रहा है।
यमुना का जलस्तर 13 जुलाई को नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया था। तब यह 208.66 मीटर को छू लिया था। यह 1978 में दर्ज किए गए 207.49 मीटर के पिछले रिकॉर्ड से अधिक था। तब जल स्तर बढ़ने के बाद यमुना का पानी कई अहम क्षेत्रों में घुस गया था। उत्तरी दिल्ली मे रिंग रोड और राजघाट के बाद सुप्रीम कोर्ट परिसर तक पानी पहुँच गया था।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज से नदी में छोड़े गए पानी में वृद्धि के बाद यह रविवार को फिर से खतरे के निशान को पार कर गई। अब फिर से यमुना के निचले हिस्से में बस्तियों में पानी समाने लगा है। माना जा रहा है कि नदी के जलस्तर में वृद्धि से राजधानी के बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में राहत और पुनर्वास कार्य पर असर पड़ने की आशंका है।
यमुना के जलस्तर में वृद्धि के कारण ओआरबी पर ट्रेनों की आवाजाही निलंबित कर दी गई है। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने कहा, 'दिल्ली और शाहदरा के बीच मार्ग निलंबित रहेगा और ट्रेनों को नई दिल्ली के रास्ते डायवर्ट किया जाएगा।'
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 25 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने कहा कि नदी के ऊपरी इलाकों में भारी बारिश से राजधानी के निचले इलाकों में बाढ़ से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास पर असर पड़ेगा और उन्हें लंबे समय तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है। इसका असर दिल्ली की जल आपूर्ति पर भी पड़ सकता है, जो जुलाई के मध्य में वजीराबाद में एक पंप हाउस में पानी भर जाने के कारण चार या पांच दिनों तक प्रभावित रही।
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बाढ़ के कारण शनिवार को राज्य में दो राष्ट्रीय राजमार्ग, 10 स्टेट हाई वे और 300 ग्रामीण सड़कें बंद कर दी गईं और रविवार को केवल उन स्थानों पर यातायात फिर से शुरू हो सका जहां पानी कम हो गया है।
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