मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए संसद में हो रहे हंगामे के बीच आज आप सांसद संजय सिंह को मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया है। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने सरकार द्वारा पेश एक प्रस्ताव पर संजय सिंह को निलंबित करने की घोषणा की। मणिपुर में हिंसा को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच संसद में गतिरोध बना हुआ है। विपक्षी दल मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहे हैं तो सत्ताधारी बीजेपी के सांसद राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हिंसा का मुद्दा उठा रहे हैं।
सुबह 11 बजे एक घंटे के लिए स्थगित होने के बाद दोपहर में जब राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो सभापति ने प्रश्नकाल शुरू करने की अनुमति दी। कई विपक्षी सांसदों ने मणिपुर में हिंसा पर लंबी चर्चा की मांग करते हुए नियम 267 के तहत नोटिस दिया था। उन्होंने यह भी मांग की कि प्रधानमंत्री सदन में आकर बयान दें और चर्चा शुरू करें। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और इस पर जबर्दस्त हंगामा हुआ।
दिन की शुरुआत विपक्षी सांसदों द्वारा मणिपुर मुद्दे पर पीएम मोदी के बयान की मांग को लेकर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन करने और सत्तारूढ़ भाजपा सांसदों द्वारा राजस्थान और छत्तीसगढ़ में महिलाओं और दलितों के खिलाफ अत्याचार को लेकर गांधी प्रतिमा पर विरोध प्रदर्शन करने से हुई।
सुबह 11 बजे सदन के इकट्ठा होते ही विपक्ष ने अपना विरोध प्रदर्शन सदन तक पहुंचाया। प्रधानमंत्री से जवाब की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच लोकसभा और राज्यसभा दोनों को दो बार- सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर 12 बजे से दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
उन्होंने सभापति से संजय सिंह के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का भी आग्रह किया। सभापति ने गोयल से प्रस्ताव पेश करने को कहा। गोयल ने कहा, 'मैं प्रस्ताव पेश करता हूं कि अध्यक्ष द्वारा संजय सिंह को सत्र की शेष अवधि के लिए... इस मौजूदा सत्र के आखिरी दिन तक निलंबित कर दिया जाए।'
हंगामे के बीच सभापति ने प्रस्ताव को मतदान के लिए रखा। उन्होंने कहा, 'प्रस्ताव यह है कि अध्यक्ष के उस निर्देश का बार-बार उल्लंघन करने के लिए संजय सिंह को इस सत्र की पूरी अवधि के लिए निलंबित किया जाता है।' और सत्ता पक्ष की जोरदार 'हां' और विपक्ष की जोरदार 'ना' के बीच उन्होंने आप सांसद के निलंबन की घोषणा की।
संजय सिंह का यह निलंबन ऐसे समय में हुआ है जब दिल्ली में नौकरशाहों पर नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश को लेकर भाजपा और आप आमने-सामने हैं।
आप भी मणिपुर हिंसा को लेकर सरकार को घेरने में जुटी है और जोर-शोर से इस मुद्दे को उठा रही है। मणिपुर हिंसा के मामले ने तब पूरे देश को झकझोर दिया जब दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और सामूहिक दुष्कर्म करने का वीडियो वायरल हुआ।
बता दें कि 4 मई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया व सामूहिक दुष्कर्म किया गया। 18 मई को एफ़आईआर हुई। फिर भी 62 दिन तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब कार्रवाई तब हो रही है जब उस घटना का वीडियो वायरल हुआ है और इसने पूरे देश को झकझोर दिया है। इसी मामले पर विपक्षी दल संसद में चर्चा चाहते हैं और प्रधानमंत्री से बयान देने की मांग कर रहे हैं।
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